भारत ने इंदौर में पहला टेस्ट मैच पारी और 130 रनों से जीतकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है और सबकी नजरें दूसरे टेस्ट मैच पर लगी हुई है जिसमें भारत पहली बार दिन-रात टेस्ट मैच खेलने जा रहा है. भारत ने भी अब तक डे-नाइट टेस्ट नहीं खेला है. यह भारत का पहला डे-नाइट टेस्ट मैच होगा. साथ ही यह भारत में खेला जाने वाला पहला डे-नाइट टेस्ट होगा.
भारतीय टीम जमकर गुलाबी गेंद से प्रैक्टिस कर रही है. गुलाबी गेंद से खेलने वाले बल्लेबाजों के मुताबिक शाम के समय स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण होती है. चेतेश्वर पुजारा सहित दलीप ट्रॉफी में गुलाबी गेंद से खेलने वाले कई खिलाड़ियों ने कहा है कि शाम के समय गुलाबी गेंद को देखना मुश्किल होता है, क्योंकि आकाश के लाल रंग के कारण गेंद नारंगी रंग की तरह दिखने लगती है.
इन खिलाड़ियों को गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव
टीम इंडिया के अधिकतर क्रिकेटर अपने करियर में पहली बार गुलाबी गेंद से खेलेंगे, हालांकि चेतेश्वर पुजारा, ऋद्धिमान साहा, मोहम्मद शमी, मयंक अग्रवाल, हनुमा विहारी और कुलदीप यादव जैसे खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव है. गुलाबी गेंद से खेलने को लेकर पुजारा ने कहा था कि दिन के समय रोशनी की दिक्कत नहीं होगी, लेकिन सूर्यास्त के समय और दूधिया रोशनी में यह मसला हो सकता है. सूर्यास्त के समय का सत्र बेहद अहम होगा.
पुजारा ने कहा था, ‘मेरा बल्लेबाज के तौर पर निजी अनुभव तो अच्छा रहा था, लेकिन मैंने जब वहां पर अन्य खिलाड़ियों से बात की तो उनका कहना था कि लेग स्पिनर को खेलना विशेषकर उनकी गुगली को समझना मुश्किल था.’ दोनों टीमें 19 नवंबर को कोलकाता रवाना होंगी. उल्लेखनीय है कि यह भारतीय टीम का पहला डे-नाइट टेस्ट होगा. अधिकतर भारतीय खिलाड़ी को पिंक बॉल, जो डे-नाइट टेस्ट में उपयोग होती है, से खेलने का अनुभव नहीं है.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने बीसीसीआई अध्यक्ष पद संभालने के बाद डे-नाइट टेस्ट खेलने को लेकर कप्तान विराट कोहली को मना लिया था. इसके बाद गेंद बीसीबी के पाले में गई थी. बीसीबी ने भी बीसीसीआई के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था.
गांगुली ने हमेशा से पिंक बॉल क्रिकेट की वकालत की है. वह 2016-17 में जब तकनीकी समिति के सदस्य थे, तब उन्होंने घरेलू क्रिकेट में भी पिंक बॉल के उपयोग की सिफारिश की थी. गांगुली ने उसी समय दिन-रात के मैच की वकालत की थी. गांगुली का मत है कि दिन-रात के टेस्ट मैच से टेस्ट क्रिकेट को अधिक से अधिक दर्शक मिल सकेंगे.
डे-नाइट टेस्ट के लिए तैयार है ईडन गार्डन्स
कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम के क्यूरेटर सुजन मुखर्जी का मानना है कि यह मैदान भारत और बांग्लादेश के बीच पहले डे-नाइट टेस्ट मैच के लिए पूरी तरह से तैयार है. मुखर्जी को विश्वास है कि इस मैदान में दोनों टीमों के बीच एक अच्छा मैच होगा और दर्शकों को एक अच्छी क्रिकेट देखने को मिलेगी.
मुखर्जी ने कहा, 'पिछले सप्ताह हुई बारिश ने कुछ हद तक इसे खराब किया था. लेकिन शुक्र है कि हमारे पास अभी भी पर्याप्त समय था और अब चीजें (मौसम) सामान्य हैं. पिच अच्छी स्थिति में है. यह तैयार है और पिछले कुछ वर्षों से ऐसा ही है. ईडन गार्डन्स क्रिकेट को एक अच्छा पिच मुहैया कराएगा और मैं इसके लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगा.'
किसने कितने खेले डे-नाइट टेस्ट मैच
इंटरनेशनल क्रिकेट में अब तक कुल 11 डे-नाइट टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं. सबसे ज्यादा डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम है. ऑस्ट्रेलिया ने कुल 5 डे-नाइट टेस्ट मैच खेले हैं, वहीं पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, श्रीलंका और इंग्लैंड ने तीन-तीन डे-नाइट टेस्ट मैच खेले हैं. इसके अलावा न्यूजीलैंड-साउथ अफ्रीका ने 2-2 और जिम्बाब्वे ने 1 डे-नाइट टेस्ट मैच खेला है.
डे-नाइट टेस्ट मैच रिकॉर्ड
कुल खेले गए डे-नाइट टेस्ट मैच: 11
– पहला डे-नाइट टेस्ट मैच: ऑस्ट्रेलिया बनाम न्यूजीलैंड – एडिलेड 27-29 नवंबर 2015 (न्यूजीलैंड की तीन विकेट से हार)
– ऑस्ट्रेलिया (5 डे-नाइट टेस्ट मैच), पाकिस्तान/वेस्टइंडीज/श्रीलंका/इंग्लैंड (3-3 डे-नाइट टेस्ट मैच), न्यूजीलैंड/साउथ अफ्रीका (2-2 डे-नाइट टेस्ट मैच), जिम्बाब्वे (1 डे-नाइट टेस्ट मैच)
– ऑस्ट्रेलिया में खेले गए डे-नाइट टेस्ट मैच (5), यूएई में खेले गए डे-नाइट टेस्ट मैच (2), वेस्टइंडीज/न्यूजीलैंड/साउथ अफ्रीका/इंग्लैंड में खेले गए डे-नाइट टेस्ट मैच (1)
– भारत, बांग्लादेश, आयरलैंड और अफगानिस्तान ने अभी तक नहीं खेला डे-नाइट टेस्ट मैच