नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी का पानी पीने लायक तक नहीं बचा. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की जांच रिपोर्ट में दिल्ली की 11 जगहों से लिए गए सभी सैंपल जांच में फेल हो गए. चौंकाने वाली बात यह है कि दिल्ली में बुराड़ी, कृषि भवन, अशोक नगर, नंद नगरी, जनता विहार से लेकर 12 जनपथ यानी खुद देश के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के सरकारी आवास का पानी सबसे गंदा है.
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि दिल्ली का पानी जांच में ख़राब पाया गया है. दिल्ली सरकार को यह न लगे कि हमने राजनीति के तहत जांच करवाई. लिहाजा हमने तब 20 राज्यों की राजधानी के पीने के पानी की जांच शुरू की.
पासवान ने कहा, हम देश भर में तीन चरणों में पानी को जांचने की प्रक्रिया चला रहे हैं. पहले चरण में हमने राज्यों की राजधानियों को चुना है. वहीं, दूसरे चरण में हम 15 जनवरी तक 100 स्मार्ट शहरों की रिपोर्ट देंगे. और तीसरे चरण में देश के हर जिले के पीने की पानी की जांच रिपोर्ट 15 अगस्त तक देंगे.उन्होंने बताया कि देश के 20 राज्यों की राजधानियों और दिल्ली में घरों में पहुंचने वाले पानी की जांच की गई है. इस पानी की गुणवत्ता कैसी है? कैसे लोगों के घरों में पानी पहुंच रहा है? उसको कई पैमाने पर परखा गया है.केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो ने सभी जगह से पानी के सैंपल लिए और जांच करके रिपोर्ट तैयार की है.दिल्ली के सारे सैंपल फेल पाए गए और मुंबई के सारे नमूने पास हुए हैं. इसके अलावा हैदराबाद, भुवनेश्वर, रांची में 10 में से एक सैंपल फेल हुआ है. वहीं, रायपुर में 5 सैंपल फेल हुए हैं. साथ ही शिमला में 6 और दिल्ली में 11 में से 11 सैंपल फेल हुए हैं. इन राजधानियों में 19 पैमाने पर पानी की क्वालिटी को परखा गया.पासवान ने कहा कि पीने का गंदा पानी और प्रदूषण देश के समक्ष दो बड़ी समस्याएं हैं. हम किसी सरकार को दोष नहीं दे रहे. हम चाहते हैं कि हर राज्य में लोगों को साफ पीने का पानी मिले. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 तक सबके घरों में पानी पहुचाने का लक्ष्य रखा है.