गुणवत्ता के साथ सड़कों में गड्ढा भरायी का कार्य 10 दिसम्बर तक पूर्ण करने के निर्देश 

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रायपुर।   लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने आज सिविल लाईन स्थित नये विश्राम भवन में रायपुर जिले के निर्माण कार्याे की समीक्षा की। उन्होंने विभागीय इंजीनियरों को सड़कों में गड्ढा भरायी का कार्य 10 दिसम्बर तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माणाधीन सड़कों, भवनों एवं पुल-पुलियों को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समय-सीमा में कार्य पूर्ण हो, इसके लिए जिम्मेदारी तय होनी चाहिए, कार्य विलंब होने से लागत नहीं बढ़नी चाहिए। श्री साहू ने कहा कि निर्माण कार्य स्वीकृत राशि के अंतर्गत ही पूर्ण हो, इसके लिए रिवाईज स्टीमेट नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहंुच मार्गो की चौड़ाई टू-लेन होना चाहिए, ताकि वाहनों की आवाजाही में कठिनाई नहीं हो।
    लोक निर्माण मंत्री श्री साहू ने हर जिले में कम से कम चार हजार बैठक क्षमता का एक इंडोर स्टेडियम और डेढ़ हजार बैठक क्षमता का एक ऑडिटोरियम निर्माण का प्रस्ताव तैयार करें, ताकि आगामी वित्तीय वर्ष में बजट का प्रावधान कर सके। उन्होेंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप विभागीय खर्चो में मितव्यता बरतने तथा आय का स्त्रोत बढ़ाने के लिए खाली पड़ी शासकीय जमीन जिसका उपयोग नहीं हो रहा है, वहां कामर्शियल काम्पलेक्स बनाने हेतु प्रस्ताव तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि आय का स्त्रोत बढ़ाने के लिए कामर्शियल काम्पलेक्स एवं शॉपिंग माल, दुकाने आदि निर्माण कार्य के लिए अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी नियुक्त करने तथा अलग से विंग बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कर्मचारी क्वाटरों की मरम्मत कराने तथा 50 साल से अधिक के जीर्ण हो चुके कर्मचारी क्वार्टर को तोड़वाकर वहां मल्टीस्टोरी मकान बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने ऐसे अधूरे निर्माण कार्य जो तकनीकी एवं वित्तीय कारणों से लंबित हैं, उसे शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए। ऐसे सड़कों का कार्य जो भू-अर्जन प्रकरणों के तहत रूका है, उन्हें कलेक्टर के समय-सीमा की बैठक में निराकृत कराने तथा राष्ट्रीय राजमार्ग में शामिल करने लायक सड़को का प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिए। लोक निर्माण मंत्री श्री साहू ने बैठक में उपस्थित मुख्य अभियंता श्री एस.के.शर्मा सहित सभी अधीक्षण अभियंता, कार्यपालन अभियंता, अनुविभागीय अधिकारी एवं सहायक अभियंताओं को कार्य संस्कृति में बदलाव लाने, अनुशासित रहने, निर्माण कार्यो के गुणवत्ता में विशेष ध्यान देने तथा टीम भावना से कार्य करने के निर्देश दिए।