नई दिल्ली: यंग इंडियन (Young Indian) मामले में गांधी परिवार (Gandhi Family) को आयकर अपीलेट ट्रिब्यूनल (Income Tax Appellate Tribunal) ने बड़ा झटका दिया है. यंग इंडियन मामले में 100 करोड़ रुपये टैक्स का मामला फिर खुलेगा. ट्रिब्यूनल ने गांधी परिवार की याचिका ख़ारिज की. राहुल गांधी ने यंग इंडियन को चैरिटेबल ट्रस्ट बनाने की अर्जी दायर की थी लेकिन ट्रिब्यूनल ने उसे खारिज कर दिया. आयकर ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में यंग इंडियन को वाणिज्यिक संगठन बताया है.
ट्रिब्यूनल ने सोनिया गांधी राहुल गांधी और बाकी कांग्रेस नेताओं से जुड़ी वो अपील खारिज कर दी जिसमें उन्होने यंग इंडियन को मिली चेरीटेबल इनकम टैक्स छूट को बहाल करने की मांग की थी. यानि यंग इंडियन को टैक्स चुकाना होगा. यंग इंडियन चैरिटेबल कंपनी बनाई गई थी. फिर इनकम टैक्स से छूट का रजिस्ट्रेशन भी लिया गया था. इसमें AICC से 90 करोड़ रुपये AJL में ट्रांसफर किए और उसके बदले केवल 50 लाख रुपये में यंग इंडियन के नाम शेयर इश्यू करा लिए और एडिशनल शेयर भी ले लिए.
फिर 2016 में इसका इनकम टैक्स छूट का रजिस्ट्रेशन सरेंडर कर दिया गया. इनकम टैक्स विभाग ने इसे कमर्शियल एक्टिविटी माना और कंपनी के बनने के समय से ही टैक्स की बात कही. इसी के खिलाफ यंग इंडियन इनकम टैक्स विभाग के इस ऑर्डर के खिलाफ अपीलेट ट्रिब्यूनल में गया था और ट्रिब्यूनल ने उनकी अपनील खारिज कर दी.