नई दिल्ली: नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) के प्रमुख व भारतीय टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) को हितों के टकराव (कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट) मामले में राहत मिल गई है. बीसीसीआई के एथिक्स ऑफिसर जस्टिस (रिटायर्ड) डीके जैन (DK Jain) ने द्रविड़ को कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट (हितों के टकराव) मामले में क्लीन चिट दे दी है. बीसीसीआई (BCCI) के लोकपाल डीके जैन ने कहा कि उन्हें पूर्व भारतीय कप्तान के खिलाफ हितों के टकराव से जुड़ा कोई मामला नजर नहीं आया.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के लोकपाल व एथिक्स ऑफिसर डीके जैन ने कहा, ‘मुझे द्रविड़ के खिलाफ हितों के टकराव से जुड़ा कोई मामला नहीं मिला. उन्हें हितों के टकराव से मुक्त पाया गया है. इस संबंध में दोनों पक्षों (शिकायतकर्ता और द्रविड़) को सूचित कर दिया गया है. साथ ही बीसीसीआई को भी इसकी जानकारी दे दी गई है. इस मामले से जुड़ा हस्ताक्षरित अंतिम फैसले का दस्तावेज इस शिकायत के साथ संलग्न रहेगा.’
राहुल द्रविड़ को 12 नवंबर को डीके जैन के सामने पेश होना था. द्रविड़ अभी नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) के प्रमुख हैं. मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता की शिकायत पर एथिक्स ऑफिसर ने द्रविड़ को कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट के सम्बंध में नोटिस दिया था. अपनी शिकायत में गुप्ता ने कहा था कि द्रविड़ एनसीए के निदेशक हैं और साथ ही साथ वह आईपीएल फ्रेंजाइजी चेन्नई सुपर किंग्स का मालिकाना हक रखने वाली इंडिया सीमेंट्स ग्रुप में उपाध्यक्ष भी हैं.
राहुल द्रविड़ ने इन आरोपों के बचाव में कहा था कि उन्होंने इंडिया सीमेंट्स के अपने पद से दीर्घकालीन अवकाश ले रखा है. आईएएनएस को एक पत्र मिला था, जिसमें इंडिया सीमेंट्स के सीनियर जनरल मैनेजर जी. विजयन ने साफ-साफ लिखा है कि द्रविड़ ने बीसीसीआई और एनसीए प्रमुख के तौर पर अपनी प्रतिबद्धताओं को देखते हुए दो साल का अवकाश ले रखा है.
बीसीसीआई का कामकाज देखने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति के अध्यक्ष विनोद राय ने द्रविड़ का बचाव करते हुए कहा था कि द्रविड़ का अवकाश पर रहना उन्हें किसी प्रकार के कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट से दूर करता है. बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने भी द्रविड़ पर लगे कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट के आरोपों को लेकर काफी नाराजगी जाहिर की थी. गांगुली ने कहा था कि कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट भारतीय क्रिकेट में एक नया फैशन बन गया है. यह खबरों में रहना का तरीका है.