इंदौर. इंदौर की 11 वर्षीय बच्ची दिशा तिवारी अब तक हजारों लोगों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित कर चुकी है. दिशा पांच वर्ष की उम्र से ही 'नो स्मोकिंग कैम्पेन' (no smoking campaign) के काम में जुटी है. वह अब तक अपने कैम्पेन से 20 हजार से ज्यादा लोगों को जोड़ चुकी है. उसके इस काम में उसका छोटा भाई और परिवार के सभी सदस्य उसकी मदद करते हैं. दिशा जब करीब पांच वर्ष की थी तभी उसके दादा जी का देहांत हो गया. वे कैंसर से पीड़ित थे. परिजनों से बात करने पर पता चला कि इसका मुख्य कारण सिगरेट पीना था. तब से ही वह सबको सिगरेट पीने से रोकने की कोशिश करने लगी.
आइसक्रीम से मिला प्रोत्साहन
एक बार जब दिशा परिवार के साथ डिनर पर गई थी उस वक्त वहां कुछ लोग सिगरेट पीते दिखाई दिए. दिशा ने उन्हें नसीहत दे डाली और कहा कि मेरे दादाजी की तरह आपका भी देहांत हो जाएगा. इसके बाद सिगरेट पीने वाले शख्स ने उसे आइसक्रीम खाने के लिए भेज दिया और सिगरेट छोड़ने का आश्वासन दे दिया. इससे प्रोत्साहित होकर दिशा इस काम में रुचि लेने लगी और धीरे-धीरे दिशा ने इसे कैम्पेन के रूप में शुरू कर दिया. एक कार्यक्रम में दिशा की मुलाक़ात सनी देओल से हुई तो वहां भी दिशा ने सिगरेट छुड़वाने के अभियान का जिक्र किया.
डायरी में नोट करती है नाम और फोन नंबर
दिशा के इस कैम्पेन के माध्यम से लोगों से सिगरेट छोड़ देने की अपील करती है. उनके नाम और नंबर अपनी डायरी में नोट कर लेती है. दिशा समय- समय पर उनसे फोन पर चर्चा कर यह भी जानती रहती है कि कही दोबारा सिगरेट शुरू तो नहीं कर दी. दिशा को देखकर उसका छोटा भाई आदि भी उसका साथ देने लगा और लोगों से सिगरेट छोड़ने की अपील करने लगा. इतनी कम उम्र में नशे की रोकथाम के लिए दिशा ने एक किताब भी लिखी है.