भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में डेंगू (Dengue) के हालात चिंताजनक हो चले हैं. डेंगू का लार्वा नष्ट करने के लिए ड्रोन (Drone) से दवा का छिड़काव किया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट (Health Minister Tulsi Silawat) ने बुधवार को आला अफसरों के साथ बैठक कर डेंगू की स्थिति और उससे निपटने के उपायों पर चर्चा की. डेंगू से निपटने के लिए उन्होंने एडवायजरी (Advisory) जारी की है.
दरअसल भोपाल समेत पूरे प्रदेश में दिनों-दिन डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. अब तक इससे कई लोगों की मौत हो गई है और दर्जनों लोग बीमार हैं. आर्थिक अपराध शाखा (EoW) की सब-इंस्पेक्टर सीमा पटेल की भी डेंगू से मौत हो चुकी है. इन सब हालात को देखते हुए स्वास्थ मंत्री तुलसी सिलावट ने बुधवार को भोपाल में कलेक्टर-कमिनश्रर के साथ बैठक की.
जनवरी से अब तक डेंगू के 706 मरीज
बता दें कि भोपाल में इस साल जनवरी से अब तक डेंगू के 706 मरीज और 43 हजार से ज्यादा घरों में इसके लार्वा मिल चुके हैं. डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. चिकनगुनिया के 141 और मलेरिया के 80 मरीज मिल चुके हैं. डेंगू का संक्रमण पिछले साल के मुकाबले इस बार ज्यादा है. निगम अमले की नींद अब खुली है. पूरे शहर मे जहां कहीं भी प्लॉट खाली पड़े हैं और उन पर कचरा और पानी जमा है, वो उनके मालिकों को नोटिस देगी, फिर उन पर पेनाल्टी लगाई जाएगी.
44.30 लाख कंटेनरों में जांचा लार्वा
शहर के साकेत नगर, बरखेड़ा पठानी, बागसेवनिया, सेमरा, अशोका गार्डन, नेहरू नगर, कोटरा, सर्वधर्म सी सेक्टर, दामखेड़ा, सलैया… ये वो इलाके हैं जहां ज्यादातर प्लॉटों पर गंदगी और पानी जमा है. इसलिए इन इलाकों में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का संक्रमण ज्यादा है. नगर निगम को जहां कहीं भी लार्वा मिला वहां 15 दिन में 288 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.
जन आंदोलन की जरूरत
भोपाल में बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने लोगों से अपील की है कि वो डेंगू से निपटने में सरकार की मदद करें. उन्होंने कहा डेंगू के हालात को देखते हुए अब युद्धस्तर पर मुहिम चलाने की जरूरत है. मैं भी गुरुवार से शहर के चिन्हित स्थानों का दौरा कर हालात का जायजा लूंगा. डेंगू के खिलाफ जन आंदोलन चलाने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने जनता से अपील की है कि हम सब जागरुक हो जाएं. सभी मिलकर डेंगू खत्म करने के लिये जनआंदोलन चलाएं. खाली पड़े प्लॉट्स पर कचरा ना फेंकें और वहां पानी न जमा होने दें. उन्होंने कहा कि खाली पड़े प्लॉट मालिकों को नोटिस दिया गया है. भोपाल शहर को जोन के आधार पर बांट दिया गया है. समस्या गंभीर हो गयी है इसलिए बैठक बुलाई गई.