राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने बुधवार को सम-विषम योजना की अवधि बढ़ाने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि जरूरत पड़ने पर सम-विषम योजना की तारीख को बढ़ाया जा सकता है।
इसी बीच प्रदूषण के मु्द्दे पर सुप्रीम कोर्ट में भी आज सुनवाई हुई, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को निर्देश दिया है कि वो पिछले साल के एक अक्तूबर से 31 दिसंबर तक के आंकड़े पेश करने होंगे। यह आदेश अदालत ने सम-विषम योजना के खिलाफ डाली गई याचिका की सुनवाई के दौरान दिया।
मालूम हो कि लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता पर नियंत्रण करने के लिए शासन ने 4-15 नवंबर तक राजधानी में सम-विषम योजना लागू करने के आदेश दिए थे। इस बीच पिछले तीन दिनों से रविवार और गुरु पर्व को ध्यान में रखते हुए लोगों को इससे छूट दी गई थी।
आज यानी बुधवार से राजधानी में फिर से सम-विषम लागू हो गया है। वहीं पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण के स्तर में दिख रहा सुधार भी आज फिर से गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया।
भारी पड़ सकता है नियमों का उल्लंघन
पिछले छह दिनों के दौरान नियमों की अनदेखी करने वाले करीब 3000 वाहनों के चालान काटे जा चुके हैं। सम विषम लागू होने के साथ साथ नियमों की अनदेखी करने वालों पर जुर्माना की राशि भी 2000 से बढ़ाकर 4000 रुपये कर दी गई है। वाहन मालिकों को इस दौरान किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है।
नियमों की अनदेखी करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस, परिवहन और राजस्व विभाग की 600 से अधिक टीमें मुस्तैद हैं। योजना के लागू होने के बाद टीमें लगातार नियमों को सख्ती से लागू करवाने में जुटी है।