नई दिल्ली । करदाताओं की सहूलियत के लिए आयकर विभाग ने पैन नंबर की जगह 12 अंकों वाले आधार नंबर का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है, लेकिन ऐसा करते समय आपको काफी सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि अगर आपने गलत आधार नंबर दिया तो आपको 10,000 रुपए का जुर्माना अदा करना पड़ सकता है। वित्त विधेयक 2019 में पेश आयकर अधिनियम 1961 का नवीनतम संशोधन न केवल पैन की जगह आधार नंबर के इस्तेमाल की मंजूरी देता है, बल्कि गलत आधार नंबर देने पर 10 हजार रुपए जुर्माने का भी प्रवाधान करता है। जुर्माने का यह नया नियम उन्हीं जगहों पर लागू होता है, जहां पैन की जगह आप आधार नंबर का इस्तेमाल कर रहे हैं और जहां आयकर विभाग के नियमों के मुताबिक, पैन नंबर देना अनिवार्य है। उदाहरण के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना, बैंक खाता खोलना, डीमैट अकाउंट खोलना और 50 हजार रुपये से अधिक के म्यूचुअल फंड और बॉन्ड खरीदना।
आधार हालांकि यूनिक आइडेंटिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) द्वारा जारी किया जाता है, लेकिन जुर्माना यूआईडीएआई द्वारा नहीं, बल्कि आयकर विभाग द्वारा लगाया जाता है। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 272बी के मुताबिक, अगर आयकरदाता पैन के प्रावधानों का पालन करने में नाकाम होता है, तो आयकर विभाग जुर्माना लगा सकता है। जुर्माने की रकम हर डिफॉल्ट के लिए 10,000 रुपए होगी। इससे पहले, जुर्माना केवल पैन तक सीमित था, लेकिन सितंबर में पैन-आधार इंटरचेंजिबिलिटी का प्रावधान आया तो यह आधार के लिए भी लागू हो गया। नियमों के तहत, अगर पैन या आधार नंबर सही ढंग से नहीं दिया गया है और उन्हें ऑथेंटिकेट नहीं किया गया है, तो बैंकों, वित्तीय संस्थानों इत्यादि पर भी जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा, यह बात भी ध्यान रखने वाली है कि अगर आप दो फॉर्म्स में गलत आधार नंबर देते हैं, तो आपको हर के लिए 10-10 हजार रुपए का जुर्माना यानी 20 हजार रुपए का जुर्माना देना पड़ सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप फॉर्म भरते समय सतर्कता बरतें।
इन परिस्थितियों में देना होगा जुर्माना
-अगर आप पैन के बदले गलत आधार नंबर देते हैं।
-अगर आप किसी खास ट्रांजैक्शंस में पैन या आधार नंबर देने में नाकाम होते हैं।
-केवल आधार नंबर प्रदान करना ही काफी नहीं है, आपको बायोमेट्रिक आइडेंटिटी को भी ऑथेंटिकेट करना होगा और अगर यह फेल होता है तो आप पर जुर्माना लगाया जाएगा।