राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने विश्वविद्यालयों में कम्प्यूटराईजेशन के कार्य को व्यापक स्तर पर कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि डिजिटलाईजेशन समय की जरूरत है और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का आधार है। यदि समय रहते विश्वविद्यालयों ने इस दिशा में प्रयास नहीं किये, तो भविष्य में दिक्कतें आएंगी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित शिक्षा नीति में कम्प्यूटरीकरण आवश्यक होगा। श्री टंडन आज राजभवन में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की समीक्षा कर रहे थे।
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य, संविधान के दो प्राथमिक विषय हैं। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा में हिन्दी को बढ़ावा देना जरूरी है। इजराइल जैसा देश, जिसकी भाषा की शब्दावली भी छोटी है, वहाँ भी स्थानीय भाषा में तकनीकी शिक्षा दी जाती है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में चिंतन और नवाचारों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए शिक्षा की गुणवत्ता आवश्यक है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों द्वारा किये जा रहे उत्कृष्ट कार्यों और नवाचारों के पारस्परिक विनिमय पर बल दिया। श्री टंडन ने सभी शासकीय, अशासकीय विश्वविद्यालयों के बीच समन्वय स्थापित कर कम्प्यूटराईजेशन का कार्य पूरा करवाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि शासकीय विश्वविद्यालय और निजी विश्वविद्यालय आपस में सामंजस्य स्थापित कर उत्कृष्ट कार्यों का अनुसरण करें।
बैठक में कुलपति श्री सुनील कुमार ने प्रजेन्टेशन द्वारा विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और समस्याओं से राज्यपाल को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ने विश्वविद्यालय को 'ए'' ग्रेड प्रदान किया है। विश्वविद्यालय द्वारा इंजीनियरिंग और नॉन-इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की एन.आई.आर.एफ. रैंकिंग के लिये प्रयास किये जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कैलेन्डर की नियमितता और नवाचारों के कारण मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा 13 तकनीकी शिक्षा विश्वविद्यालयों में आर.जी.पी.वी. ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। विश्वविद्यालय में सामाजिक सरोकारों से जुड़े विषयों पर शोध को प्राथमिकता दी जाती है और शोधार्थियों को स्कॉलरशिप दी जाती है। शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पूर्णता की ओर है।
कुलपति श्री सुनील कुमार ने विश्वविद्यालय की विशेष उपलब्धियों की चर्चा करते हुए बताया कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार किये जा रहे हैं। हमनें विद्यार्थियों को कोर्स के साथ-साथ इच्छानुसार ऑनलाइन अन्य कोर्स करने की सुविधा दी है। अन्य कोर्स को भी अंकसूची में दर्ज करके मान्यता देंगे। स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक लाख रू. तक की सीड मनी, प्राध्यापकों को अद्यतन ज्ञान से अवगत कराने 50 से अधिक फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम, पर्यावरण संरक्षण के लिये पौधा-रोपण और मूक्स लैब के तहत ऑन वीडियो लेक्चर जैसी सुविधाओं में शिक्षकों की भागीदारी जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी विश्वविद्यालय कर रहा है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्री प्रमोद अग्रवाल, राज्यपाल के सचिव श्री मनोहर दुबे और कुलपति श्री सुनील कुमार भी उपस्थित थे।