'मैं 13 साल की थी, जब आईएसआईएस ने मुझे अगवा किया, एक साल तक जानवरों जैसा सलूक किया गया। तीन-तीन बार आतंकियों के हाथों बेचा गया। न जाने कितनी बार यौन उत्पीड़न हुआ।' दिल दहला देने वाले ये शब्द एक यजीदी बलात्कार पीड़िता के हैं, जिसने आईएसआईएस के शिकंजे से छूटने के बाद दर्दनाक दास्तां बयां की। इन महिलाओं ने कहा कि बंधक के तौर पर गुजारे गए साल को भूलना मेरे लिए संभव नहीं है। यह जीवन भर रिसने वाला घाव है।
गैर सरकारी संगठन 'ऑफिस ऑफ रेस्क्यू यजीदीज' ने इन महिलाओं को एक मंच मुहैया कराया। पीड़िताओं ने उत्तरी इराक के सिंजार में आईएसआईएस के चंगुल में रहते हुए बिताए गए अपने भयावह दिनों को बयां किया। संगठन के निदेशक हुसैन अल कायदी ने बताया कि 2014 से सिंजार में आईएसआईएस ने अतिक्रमण किया और हजारों यजीदी अपने घर छोड़कर भागने को मजबूर हो गए। कुछ को जिंदा जलाया गया, कुछ को गोली मारी गई और कुछ जीवित ही दफना दिए गए।
लड़कों को आतंकवाद का प्रशिक्षण देकर बंदूक थमा दी गई तो लड़कियों से बलात्कार किया गया, उन्हें यौन गुलाम बनाया गया या आईएसआईएस के आतंकियों से उनकी शादी कर दी गई। वहां आतंकी गुट दाएश के लोग बेलगाम घूम रहे हैं। आईएसआईएस ने कम से कम 6,417 यजीदियों का अपहरण किया, जिनमें से 3,515 को मुक्त करा लिया गया, लेकिन 2,902 यजीदी अब भी उनके कब्जे में हैं।