सोशल मीडिया का कमाल…’चमत्कारिक पेड़’ को छूने सतपुड़ा के जंगल में पहुंच रहे हैं लाखों लोग

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होशंगाबाद. सतपुड़ा के जंगल का एक रहस्यमय पेड़ (Mysterious tree) और अंधविश्वास के कारण वहां लग रहा मेला (Fair) चर्चा का विषय बना हुआ है. सोशल मीडिया पर एक मैसेज फैला कि पिपरिया के नजदीक नया गांव के जंगल में एक महुआ के पेड़ को छूने के बाद लोगों की बीमारियां जड़ से खत्म हो रही हैं. इसके बाद सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में स्थित महुए के इस चमत्कारिक पेड़ (miracle tree) को छूने के लिए रोज हजारों लोग पहुंचने लगे. अब तो हालात ऐसे हैं कि पुलिस, जिला प्रशासन या फिर वन विभाग अंधविश्वास के कारण लग रहे इस मेले से सभी परेशान हैं. जंगल के कानून भी बेअसर हो गए हैं.

सोशल मीडिया से शुरू हुई महुआ के पेड़ की कहानी

महुआ के पेड़ की कहानी सोशल मीडिया से शुरू हुई और इसे आस्था कहा जाए या अंधविश्वास की इस धारणा ने बड़ा रूप ले ले लिया. लोगों के मुताबिक सोशल मीडिया पर यह महुआ का पेड़ काफी चमत्कारिक बताया गया. इस अफवाह के फैलने के बाद देश भर से लाखों की संख्या में परेशान लोग इस पेड़ के पास पहुंच रहे हैं. हालांकि, एक भी श्रद्धालु ऐसा नहीं मिला है जो महुआ के पेड़ को छूने के बाद  ठीक हुआ हो.

चमत्कारिक पेड़ के नाम से मशहूर 

जनचर्चा यह है कि इस पेड़ के पास हाथ रखकर बैठने से अपने आप हाथ पेड़ की तरफ खींचे चले जाते हैं और लोगों की बीमारियां ठीक हो जाती हैं. इस खबर के वायरल होने के बाद पिपरिया के नजदीक बसे एक छोटे से गांव कोड़ापड़रई से लगे जंगल का यह पेड़ 'चमत्कारिक पेड़' के नाम से मशहूर हो गया.

सोशल मीडिया पर फैली इस रहस्यमय पेड़ की कहानी ने इस स्थान को अंधविश्वास के मेले में तब्दील कर दिया.