आश्रम-छात्रावासों की निरीक्षण व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाये

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आदिम-जाति कल्याण मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम ने आदिवासी आश्रम-छात्रावासों के निरीक्षण की व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने को कहा है। उन्होंने विभागीय बजट की राशि का शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये हैं। मंत्री श्री मरकाम आज मंत्रालय में विभागीय अधिकारियों की राज्य-स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी और आदिवासी विकास परियोजना के संचालक श्री राकेश सिंह भी मौजूद थे।
मंत्री श्री मरकाम ने कहा कि प्रदेश में संचालित आश्रम और छात्रावासों में स्वीकृत सीटें शत-प्रतिशत भरी जायें। उन्होंने अधिकारियों को कामकाज की प्रतिदिन की डायरी संधारित करने के लिये भी कहा। श्री मरकाम ने आदिवासी विद्यार्थियों को वितरित की गई छात्रवृत्ति की राशि की जानकारी प्राप्त की। मंत्री श्री मरकाम ने आश्रम-छात्रावास भवनों के मरम्मत कार्य को प्राथमिकता के साथ कराये जाने के निर्देश दिये।
बैठक में मंत्री श्री मरकाम ने सभी विभागीय निर्माण कार्यों को समय पर शुरू करने और गुणवत्ता के साथ समय पर पूरा किये जाने के निर्देश दिये। बैठक में पिछले 3 वर्षों में प्राप्त बजट आवंटन एवं व्यय, स्वीकृत कार्यों की कार्यवार जानकारी और वर्तमान कार्यों की भौतिक स्थिति की भी समीक्षा की गई। बैठक में बस्ती विकास के निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की गई।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में कक्षा एक से 5 के आदिवासी विद्यार्थियों के लिये संचालित 1083 आश्रम शालाओं में करीब 68 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। विभाग के 199 जूनियर हॉस्टल में 10 हजार 31 और 1955 सीनियर हॉस्टल में 63 हजार 138 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। महाविद्यालयीन छात्रावासों की संख्या 152 है, जिनमें 8,635 आदिवासी विद्यार्थियों को आवासीय व्यवस्था उपलब्ध करवाई गई है।