सिखों के पवित्र स्थल करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर खुलने में अब एक हफ्ते का समय भी नहीं बचा है। माना जाता है कि गुरू नानक देव ने अपने जीवन का आखिरी समय यहीं व्यतीत किया था।कॉरिडोर खुलने से भारतीय श्रद्धालु रोजाना यहां जाकर मत्था टेक सकेंगे। दोनों देशों के बीच इसके लिए कुछ नियम और शर्तें तय कर ली गई हैं। इसी बीच खुफिया एजेंसियों ने जो खबर दी है उससे चिंता बढ़ने की आशंका है। दरअसल, करतारपुर जिस नरोवल जिले में पड़ता है वहां खुफिया एजेंसियों ने आतंकी गतिविधियां देखी हैं।
यह अलर्ट ऐसे समय पर मिला है जब भारतीय श्रद्धालुओं के जत्थे के करतारपुर जाने में एक हफ्ते से भी कम समय बचा है। यह कॉरिडोर भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक साहिब को पाकिस्तान के पंजाब के नरोवाल जिले में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे से जोड़ता है।
खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि आतंकी कैंप पंजाब प्रांत के मुरीदके, शंकरगढ़ और नरोवल में स्थित हैं। यहां बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष कैंप में मौजूद हैं और प्रशिक्षण ले रहे हैं। यह जानकारी हाल ही में देश के सुरक्षा अधिकारियों की संयुक्त बैठक में सामने आई है।
बैठक पंजाब में सीमा प्रबंधन को लेकर की गई थी। एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि इस कॉरिडोर का इस्तेमाल ड्रग तस्करी और देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल लोग पाकिस्तानी सिम कार्ड्स के जरिए कर सकते हैं।
करतारपुर कॉरिडोर खोलना आईएसआई का हो सकता है एजेंडा: सीएम
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी पाकिस्तान की मंशा पर शक जताया है। उन्होंने कहा कि कॉरिडोर खोलना आईएसआई का गहन एजेंडा हो सकता है। इसका उद्देश्य जनमत-संग्रह 2020 के लिए सिख भाईचारे को प्रभावित करना है, जिसे सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के अंतर्गत बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पूरी तरह सक्रिय और चौकस हैं।
उन्होंने पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत करने के खिलाफ भारत सरकार को चेतावनी दी। क्योंकि हाल ही में पंजाब में आईएसआई की सरगर्मियां विशेष तौर पर नोट की गई हैं, जिनके मद्देनजर मुख्यमंत्री ने यह विचार प्रकट किए हैं।