भोपाल,राइट टू हेल्थ कॉन्क्लेव में आज दूसरे और अंतिम दिन 'राइट टू हेल्थ के परिप्रेक्ष्य में मीडिया की भूमिका'' विषय पर चर्चा हुई। प्रतिभागियों का मानना था कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने में मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग और मीडिया के बीच बेहतर तालमेल होना जरूरी है।
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता संचार विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक तिवारी ने बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र की रिर्पोटिंग करने वाले पत्रकारों को स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था होना चाहिये। इस मामले में कोई भी गलत जानकारी प्रसारित या प्रकाशित होती है, उसे तत्काल काउंटर कर जन-सामान्य के सामने वस्तु-स्थिति लाना चाहिये। फिल्म मेकर सुवंदना कोहली ने सोशल मीडिया के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि फिल्म एक सशक्त माध्यम है। इसके जरिये स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियों को प्रभावी तरीके से आम जनता तक पहुँचाया जा सकता है। टाइम्स ऑफ इण्डिया के जमाल अयूब ने किसी खबर के संबंध में यथाशीघ्र सरकारी पक्ष शीघ्र भेजे जाने पर जोर दिया।
सत्र में यूनिसेफ के अनिल गुलाटी और पत्रकार विकास दाण्डेकर ने भी विचार रखे। स्वतंत्र पत्रकार अनंत जनाने ने कहा कि पोलियो उन्मूलन तथा अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रम मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार के चलते काफी सफल हुए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य कार्यक्रमों में मीडियाकर्मियों की मदद लिये जाने की बात भी कही