नई दिल्ली । आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम की स्वास्थ्य को आधार बनाते हुए मांगी गई जमानत को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। चिदंबरम की याचिका पर हाई कोर्ट ने गरुवार को मेडिकल बोर्ड का गठन किया था। मेडिकल बोर्ड ने हाई कोर्ट के सामने अपनी रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट के मुताबिक पी चिदंबरम को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। जेल में ही डॉक्टर चिदंबरम का रेगुलर चेकअप करें।
दिल्ली उच्च न्यायालय को शुक्रवार को बताया गया कि आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ठीक हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराए जाने की आवश्यकता नहीं है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एम्स मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पढ़ी और कहा कि कांग्रेस नेता को रोगाणुरहित माहौल (अस्पताल के) की जरूरत नहीं है। चिदंबरम की स्वास्थ्य स्थिति की जांच के लिए अदालत के आदेश पर एम्स मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है।
चिदंबरम की अंतरिम जमानत याचिका की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को चिदंबरम को स्वच्छ परिवेश, मिनरल वाटर, घर का बना भोजन और मच्छरदानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। अदालत ने यह भी निर्देश दिए कि चिदंबरम की नियमित स्वास्थ्य जांच की जाए। इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में बुधवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को 13 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने पूछताछ करने के लिए चिदंबरम को एक दिन की हिरासत में दिए जाने के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुरोध को खारिज कर दिया। आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था और वह धन शोधन के एक मामले में फिलहाल ईडी की हिरासत में हैं। सीबीआई ने 15 मई 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
यह मामला चिदंबरम के केंद्रीय वित्त मंत्री रहने के दौरान 2007 में विदेशों से 305 करोड़ रुपए की निधि हासिल करने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में कथित अनियमितिताओं से संबद्ध है। इसके बाद ईडी ने इस सिलसिले में 2017 में धन शोधन का एक मामला दर्ज किया था। ईडी ने इस साल 16 अक्टूबर को उन्हें हिरासत में लिया था।