गिरीश चंद्र मुर्मू ने ली कश्मीर के उपराज्यपाल पद की शपथ, आरके माथुर बने लद्दाख के एलजी

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गिरीश चंद्र मुर्मू ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के रूप में शपथ ली। जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल ने श्रीनगर स्थित राजभवन में जी सी मुर्मू को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। गुजरात कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी को प्रधानमंत्री मोदी के भरोसेमंद लोगों में से एक माना जाता है। इसी वजह से उन्हें केंद्रीय वित्त मंत्रालय में व्यय विभाग का सचिव पद भी सौंपा गया था।  मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब मूर्मु उनके प्रधान सचिव थे।

सरकारी खर्चों को कम करने की योजना बनाई 
केंद्र सरकार में रहते हुए उन्होंने सरकारी खर्चों को कम करने की ओर काम किया। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित कई योजनाओं का विलय करने और कुछ पर विराम लगाने की भी बात कही। उन्होंने राजस्व, राजकोषीय घाटा और व्यय की प्राथमिकताओं के बीच संतुलन बनाने पर जोर दिया।

आर के माथुर ने लद्दाख के उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली

राधा कृष्ण माथुर (आर के माथुर) ने गुरुवार को केंद्र शासित क्षेत्र लद्दाख के पहले उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली। जम्मू कश्मीर के विभाजन के बाद लद्दाख अलग केंद्र शासित क्षेत्र बना है। जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने लेह में एक सादे समारोह में माथुर को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

आज से जम्मू-कश्मीर में कई निजाम में बदलाव आएगा
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के साथ प्रशासनिक और अन्य विभागीय स्तर पर व्यवस्थाओं में बदलाव आएगा। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 106 केंद्रीय कानून सीधे तौर पर लागू हो जाएंगे।

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पुलिस महकमे में सीआरपीसी के तहत मामले दर्ज होंगे। इससे पहले आरपीसी के तहत यह व्यवस्था थी। मिजोरम और गोवा की तर्ज पर पुलिस प्रशासन की व्यवस्थाओं में बदलाव होगा।

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए कर्मचारियों की कमी बनी है, जिससे जम्मू-कश्मीर से कर्मचारियों को भेजा जाएगा। इसके अलावा पर्यटन, विद्युत ऊर्जा, बागवानी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा।