मुंबई महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं, लेकिन सीएम की कुर्सी को लेकर बीजेपी-शिवसेना के बीच सियासी समीकरण नहीं बन पा रहा है. वहीं, कांग्रेस ने भी दांव खेल दिया है और समर्थन के खुले विकल्प की बात कह रही है. हालांकि शिवसेना की ओर से उसके पास अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है.
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि शिवसेना प्रस्ताव रखती है तो पार्टी हाईकमान और अन्य दलों के नेताओं के साथ चर्चा की जाएगी. हालांकि अभी शिवसेना की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं आया है.
चव्हाण ने दोनों दलों पर तंज कसते हुए कहा, 'भाजपा और शिवसेना को महाराष्ट्र के मतदाताओं को बताना चाहिए कि उनके बीच क्या फैसला हुआ. अगर उनके बीच इतना अविश्वास है तो वे सरकार कैसे बना सकते हैं?
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच खींचतान के साथ दबाव की राजनीति जारी है. चुनाव नतीजे के बाद से ही शिवसेना ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर सरकार बनाने पर अड़ी है. जबकि बीजेपी विधायकों के लिहाज से सबसे बड़ी पार्टी होने का हवाला देते हुए इस फॉर्मूले पर सहमत नहीं है. सोमवार को बीजेपी और शिवसेना ने अलग-अलग महाराष्ट्र के राज्यपाल से मुलाकात की थी.
निर्दलीयों का क्या है रोल
महाराष्ट्र में सीएम पद पर रस्साकशी के बीच बीजेपी और शिवसेना निर्दलीय विधायकों के जरिए अपने समीकरण को दुरुस्त करने में जुट गई हैं. अभी तक 6 निर्दलीय विधायक दोनों दलों के समर्थन की बात कह चुके हैं. इनमें से 3 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी और 3 ने शिवसेना को समर्थन देने का ऐलान किया है. इसके अलावा प्रहार जनशक्ति पार्टी के दो विधायक शिवसेना के साथ खड़े हैं. इधर, मंगलवार को बीजेपी नेता प्रसाद लाड ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. सियासी गलियारे में ये मुलाकात चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना-बीजेपी में घमासान चल रहा है.
अमित शाह ने रद्द किया दौरा
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 30 अक्टूबर को होने वाली बैठक में शामिल नहीं होंगे. उनकी बीजेपी विधायकों के साथ बैठक होनी थी. बताया जा रहा है कि अमित शाह पार्टी विधायकों से मुलाकात के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी मिलते और फिर मामले को सुलझा लिया जाता, लेकिन शिवसेना की ओर से की जा रही है बयानबाजी के बाद से अब मामला शांत होता नहीं दिख रहा है.