देहरादून । केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए मंगलवार सुबह 8.30 बजे बंद कर दिए गए। इसके बाद बाबा की डोली को पहले पड़ाव रामपुर पहुंचाया गया। इससे पहले सोमवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए गए। पूजा-अर्चना के बाद सोमवार सुबह 11:40 बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। मंगलवार सुबह मां गंगा की भोग मूर्ति को मुखबा स्थित गंगा मंदिर में स्थापित किया जाएगा। उधर मंगलवार को ही यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:25 बजे अभिजीत मुहूर्त में विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद किए गए। छह माह तक मां यमुना के दर्शन देश-विदेश के श्रद्धालु उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में कर सकेंगे। मंगलवार को भैया दूज के अवसर पर जिलाधिकारी आशीष चौहान की मौजूदगी में मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खुशीमठ से शनिदेव की डोली मां यमुना को लेने सुबह यमुनोत्री धाम पहुंची। बदरीनाथ मंदिर के कपाट 17 नवंबर को बंद होने हैं।
इसके साथ ही चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा। इस बार यमुनोत्री और गंगोत्री धाम रेकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्री पहुंचे। अब तक के रेकॉर्ड में साल 2011 में सबसे ज्यादा 9,47,259 तीर्थयात्री इन धामों तक पहुंचे थे, जबकि इस बार कपाट बंद होने से तीन दिन पहले ही 9,93,314 तीर्थयात्री यमुनोत्री और गंगोत्री की यात्रा कर चुके हैं। इसमें 5,27,742 यात्री गंगोत्री और 4,65,572 यात्री यमुनोत्री पहुंचे हैं। इस साल अब तक रेकॉर्ड 9,94,701 तीर्थयात्रीयों ने बाबा केदार के दर्शन किए हैं। पिछले साल यह संख्या 7,32,241 थी।