दुबई: आईसीसी ने बांग्लादेश के टी-20 कप्तान शाकिब अल हसन पर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया है. इनमें एक साल निलंबन का है. आईसीसी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि भ्रष्टाचार-रोधी संहिता के उल्लंघन के तीन आरोपों को स्वीकार करने के बाद शाकिब को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से दो साल के लिए बैन कर दिया गया है. शाकिब ने 2019 विश्वकप में सबसे ज्यादा रन बनाए थे.
एक यह मामला जनवरी 2018 में बांग्लादेश, जिम्बॉम्बे, और श्रीलंका के बीच हुई ट्राई सीरीज का है. एक बुकी ने मैच फिक्सिंग के लिए शाकिब से संपर्क साधा था, लेकिन शाकिब ने इसकी जानकारी आईसीसी को नहीं दी थी. दूसरा मामला आईपीएल 2018 से जुड़ा है जिसमें सनराइज हैदराबाद और किंग्स इलेवन पंजाब के मैच के दौरान शाकिब से एक बुकी ने संपर्क किया था.
आईसीसी बुकी की जानकारी छुपाने को लेकर शाकिब से नाराज था और उसने बीसीबी से कहा था कि वह शाकिब को अभ्यास से दूर रखे. आईसीसी ने इसके बाद जाकर शाकिब पर यह प्रतिबंध लगाया है. शाकिब को अब अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार करना होगा और इसके अलावा उन्हें आईसीसी की प्रतिबंध को भी मानना होगा. वह अब 29 अक्टूबर 2020 के बाद से फिर से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में खेल सकते हैं.
दुनिया के नंबर एक हरफनमौला खिलाड़ी शाकिाब ने अपने ऊपर लगे प्रतिबंध को स्वीकार कर लिया है. आईसीसी ने शाकिब के हवाले से लिखा, "मुझे स्पष्ट रूप से बहुत दुख: है कि जिस खेल से मैं बहुत प्यार करता हूं, उस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. लेकिन मैं आईसीसी को इसके बारे में नहीं बताने के लिए मैं पूरी तरह से इस प्रतिबंध को स्वीकार करता हूं."
उन्होंने कहा, "आईसीसी की एसीयू भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह से खिलाड़ियों पर निर्भर है और मैंने इस संस्थान के प्रति अपना कर्तव्य नहीं निभाया." शाकिब ने आगे कहा, "दुनिया भर के अधिकांश खिलाड़ियों और प्रशंसकों की तरह मैं भी चाहता हूं कि क्रिकेट भ्रष्टाचार मुक्त खेल हो. मैं आईसीसी की एसीयू टीम के साथ काम करने के और इस बात के लिए उत्सुक हूं कि युवा खिलाड़ियों को यह सुनिश्चित कि वे यह गलती न करे."