नई दिल्ली
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किसानों को उनकी फसलों का सही दाम नहीं मिलने का शनिवार को आरोप लगाया और दावा किया कि भाजपा सरकार की नीतियों के चलते देश के किसान आज 'काली दीपावली' मनाने को मजबूर है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का ''असली राजधर्म'' यह है कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले।
सोनिया ने एक बयान में कहा, ''भाजपा सरकार ने सत्ता संभालते ही धोखे की बुनियाद रख दी थी। उसने किसानों को लागत के साथ 50 फीसदी का मुनाफा समर्थन मूल्य के तौर पर देने का वादा किया था। लेकिन साल दर साल भाजपा सरकार मुट्ठी भर बिचौलियों और जमाखोरों को फायदा पहुंचाती रही और अन्नदाता किसानों से लाखों करोड़ रुपये लूटती रही।''
उन्होंने कहा, ''सवाल यह है कि दीपावली के त्यौहार के दिन किसान काली दीपावली मनाने को मजबूर क्यों हैं? देश की विभिन्न मंडियों में खरीफ फसलें समर्थन मूल्य से आठ फीसदी से लेकर 37 फीसदी तक कम पर बिक रही हैं। यानी खरीफ फसलों की बिक्री की दर समर्थन मूल्य से औसतन 22.5 फिसदी कम है।''
उन्होंने सवाल किया, ''खरीफ 2019-20 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 1405.7 करोड़ टन अनुमानित है । जिस प्रकार मंडियों में उपज समर्थन मूल्य से औसतन 22.5 फीसदी कम की दर पर बिक रही है उससे देश के किसानों को लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा। इसकी भरपाई कौन करेगा?''
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, ''भविष्य में और अधिक चिंता वर्ष 2020-21 की रबी फसलों के समर्थन मूल्य के निर्धारण की है क्योंकि भाजपा सरकार ने रबी फसलों में पिछले वर्षों की तुलना में मात्र चार से सात फीसदी की बढ़ोतरी की है।''
उन्होंने आरोप लगाया, "किसानों को फसलों के सही दाम नहीं मिल रहे हैं और खेती के उत्पादों का निर्यात घट रहा है। किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है।" सोनिया ने कहा, ''कांग्रेस की मांग है कि देश के किसान का यह दोहरा शोषण बन्द हो और उन्हें अपने परिश्रम का सही मूल्य मिले। यही सरकार का असली राजधर्म है।''