रायपुर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर खरीफ वर्ष 2019-20 में किसानों के हित में समर्थन मूल्य को बढ़ाकर रूपए 2500 प्रति क्विंटल करने एवं यदि किसी परिस्थिति के कारण भारत सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य में इस अनुरूप वृद्धि किया जाना संभव नहीं हो तो राज्य सरकार को इस मूल्य पर धान उपार्जित करने की सहमति प्रदान करने अनुरोध किया गया है। मुख्यमंत्री ने साथ ही एफसीआई में 32 लाख मेट्रिक टन चावल उपार्जन की अनुमति प्रदान करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश संबंधितों को अतिशीघ्र प्रसारित करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का कार्य 15 नवम्बर से प्रारंभ किया जाना है, इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां की जा चुकी है। गत जुलाई माह में भी पत्र लिखकर खरीफ वर्ष 2019-20 में किसानों के हित में समर्थन मूल्य को बढ़ाकर रूपए 2500 प्रति क्विंटल किए जाने का निवेदन किया गया था एवं यदि किसी परिस्थिति के कारण भारत सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य में इस अनुरूप वृद्धि किया जाना संभव नहीं हो तो राज्य सरकार को इस मूल्य पर धान उपार्जित करने की सहमति विकेन्द्रीकृत खाद्यान्न उपार्जन योजना के अंतर्गत दिए जाने का अनुरोध किया गया है। साथ ही राज्य के किसानों के व्यापक आर्थिक हित को देखते हुए एम.ओ.यू. की कंडिका एक की शर्त से शिथिलता प्रदान करते हुए राज्य के सार्वजनिक वितरण प्रणाली की आवश्यकता के अतिरिक्त उपर्जित होने वाले चावल (अरवा एवं उसना) को केन्द्रीय पूल में मान्य करने का निर्देश संबंधितों को प्रसारित करने का अनुरोध किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके द्वारा केन्द्रीय खाद्य मंत्री को भी बीते सितंबर माह में पत्र लिखकर भारतीय खाद्य निगम में खरी्फ वर्ष 2019-20 में सरप्लस 32 एलएमटी चावल उपार्जन किए जाने की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया गया है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि आपकी जानकारी में यह बात ध्यान में लाना चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ के द्वारा पूर्व वर्षाें में भी प्रत्येक खरीफ सीजन में एफसीआई को सरप्लस चावल सेंट्रल पूल में अंतरित किया जाता रहा है। इससे जहां एक ओर प्रदेश के सभी क्षेत्रों विशेषकर दूरस्थ (रिमोट) क्षेत्रों में भी रहने वाले किसानों से धान का समर्थन मूल्य पर उपार्जन संभव हो सका है, वहीं दूसरी ओर उपार्जित धान का कस्टम मिलिंग के माध्यम से निराकरण कर चावल एफसीआई द्वारा उपार्जन किए जाने से एनएफएसए के लिए आवश्यक चावल की पूर्ति में राज्य की महत्वपूर्ण सहभागिता रही है।
मुख्यमंत्री ने लिखा कि छत्तीसगढ़ गत खरीफ वर्षों की तरह खरीफ वर्ष 2019-20 में भी एनएफएसए के लिए एफसीआई को सेंट्रल पूल अंतर्गत चावल प्रदान किए जाने हेतु इच्छुक है। प्रदेश में खरीफ वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर 85 एलएमटी धान का उपार्जन होना अनुमानित है, जिससे निर्मित होने वाले कस्टम मिलिंग चावल 57.37 एलएमटी में से राज्य के द्वारा पीडीएस की आवश्यकता हेतु 25.40 एलएमटी चावल उपार्जन किया जाएगा। (सेंट्रल 15.48 एलएमटी, स्टेट पूल 9.92 एलएमटी) एवं सरप्लस चावल लगभग 32 एलएमटी एफसीआई को सेंट्रपूल अंतर्गत उपलब्ध कराया जा सकेगा। एफसीआई में चावल उपार्जन की मात्रा गत वर्ष भारत सरकार द्वारा स्वीकृत मात्रा 24 एलएमटी की उसना चावल को बढ़ाकर 28 एलएमटी उसना चावल किए जाने एवं 4 एलएमटी अरवा चावल किए जाने का (प्रदेश में दो तिहाई राईस मिल अरवा किस्म की होने के कारण) अनुरोध है।
मुख्यमंत्री ने लिखा है कि यह विषय अत्यंत महत्वपूर्ण होने के कारण मेरे द्वारा 23 एवं 24 अक्टूबर को आपके कार्यालय में मिलने का समय चाहा गया ताकि मैं स्वयं आपको इस विषय के सभी पहलुओं पर जानकारी से अवगत करा सकूं। संभवतः आपकी अन्य व्यस्तताओं के कारण मिलने का समय प्राप्त नहीं हुआ। धान खरीदी प्रारम्भ होने में कम समय शेष है। अतः कृपया उपरोक्त विशेष मामले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए किसानों के हित और एनएफएसए के अंतर्गत चावल की आवश्यकता की पूर्ति हेतु खरीफ वर्ष 2019-20 में एफसीआई में 32 एलएमटी चावल उपार्जन किए जाने की अनुमति प्रदान करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश अतिशीघ्र संबंधितों को प्रसारित किए जाने का अनुरोध है।