भाजपा-शिवसेना के रिश्तों में तनाव को देख महाराष्ट्र कांग्रेस ने संकेत दिया कि वह शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन दे सकती है। कांग्रेस नेता व महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वाडेत्तिवार ने शनिवार को कहा, गेंद शिवसेना के पाले में है। शिवसेना को फैसला लेना है कि क्या वह अपना पांच साल का सीएम चाहती है या 2.5 साल के सीएम की मांग पर भाजपा की प्रतिक्रिया का इंतजार करेगी। अगर शिवसेना हमें कोई प्रस्ताव देती है तो हम उस पर अपने आलाकमान के साथ बात करेंगे।
राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने कहा,हम से इस पर अब तक शिवसेना से कोई वार्ता नहीं हुई है। हालांकि, अगर ऐसा होता है तो हम इस मामले पर निर्णय के लिए पार्टी आलाकमान के समक्ष रखेंगे। कांग्रेस, एनसीपी व इसके सहयोगियों ने 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 117 सीटें हासिल की हैं। ऐसे में अगर शिवसेना साथ आ जाती है तो आकंड़ा आराम से बहुमत तक पहुंच जाएगा।वहीं दूसरी ओर, महाराष्ट्र में सरकार गठन की कवायद दीपावली के बाद शुरू होगी। इस बीच भाजपा नेतृत्व ने साफ संकेत दिए हैं कि मुख्यमंत्री पद उसके पास ही रहेगा और उस पर कोई समझौता नहीं होगा। हालांकि भाजपा सरकार में शिवसेना को लगभग चालीस फीसदी मंत्री पद दे सकती है। पिछली बार की तुलना में शिवसेना को कुछ अहम मंत्रालय भी दिए जा सकते हैं। उप मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच दीपावली के बाद होने वाली बातचीत के बाद होगा।
महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों ने भाजपा और शिवसेना गठबंधन स्पष्ट बहुमत हासिल करने में तो सफल रहा है, लेकिन विधानसभा के अंकगणित को देखते हुए दोनों दलों के बीच अंदरूनी टकराव बढ़ गया है। विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की घटी ताकत को देखते हुए शिवसेना दबाब बना रही है और मुख्यमंत्री पद को लेकर भी दावा ठोक रही है। चूंकि ठाकरे परिवार ने पहली बार चुनाव लड़ा और आदित्य ठाकरे विधायक बने हैं ऐसे में शिवसेना उन्हें बतौर मुख्यमंत्री पेश कर रही है और दोनों दलों के बीच चुनाव के पहले के पचास-पचास फीसद के समझौते की याद भाजपा को दिला रही है।