बिलासपुर । पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर २३ व २४ अक्टूबर को रेंज स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में आईजी प्रदीप गुप्ता व एसपी प्रशांत अग्रवाल ने अधिकारियों व विवेचकों को विवेचना में आधुनिक विवेचना, मोबाइल फारेंसिक, सीसीटीवी कैमरे और मोबाइल सीडीआर का महत्व समझाया। बिलासागुड़ी में बुधवार को कार्यशाला के अंतिम दिन आईजी गुप्ता ने अपराध विवेचकना में जकनीकी साक्ष्यों को जुटाने के टिप्स दिए। इसके साथ ही उन्होंने मोबाइल फारेंसिक व सीसीटीवी कैमरे से मिलने वाले साक्ष्यों को विवेचना में शामिल करने के तरीके समझाए। आईजी ने पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को जनता से शिष्ट आचरण करने की हिदायत दी। एसपी अग्रवाल ने अपराध विवेचना में न्याय प्रक्रिया में तकनीकी साक्ष्य के संबंध में कर्मचारियों को जानकारी दी। कार्यशाला का संचालन एएसपी संजय धु्रव ने किया। जांजगीर-चांपा जिले के उप संचालक अभियोजन माखनलाल पांडेय ने कर्मचारियों को एसटीएससी एक्ट, पोस्को एक्ट के मामलों में विवेचना के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी। कर्मचारियों को उन्होंने संगीन मामलों में दस्तावेजों के संकलित कर विवेचना में शामिल करने की सलाह दी। इसके साथ ही उन्होंने गंभीर मामलों में आरोपियों के दोषमुक्त होने के कारणों, आबकारी अधिनियम व एनडीपीएस एक्ट के मामलों की विवेचना व चालान पेश करने के नियमों की जानकारी दी। पुलिस सुधार के लिए डीएसपी स्नेहिल साहू ने साफ्ट स्किल विषय पर अधिकारियों और कर्मचारियों को जानकारी दी। टीआई कलीम खान,साइबर एक्सपर्ट एएसआई हेमंत आदित्य ने विवेचको को बैंक फ्रॉड, एटीएम क्लोनिंग, सोशल मीडिया, वाट्सएप, फेसबुक,ट्वीटर से संबंधित अपराधों की विवेचना और सीडीआर के संबंध में जानकारी दी।