लाहौर
पाकिस्तान की एक शीर्ष अदालत ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को शुक्रवार को जमानत दे दी। शरीफ का एक ऐसी बीमारी का इलाज चल रहा है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करती है। इस बीमारी के चलते उनका प्लेटेलेट काउंट खतरनाक स्तर तक गिर गया। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के 69 वर्षीय सुप्रीमो को सोमवार देर रात को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) कार्यालय से लाहौर में सर्विसेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनका प्लेटेलेट काउंट अचानक गिर गया था।
न्यायमूर्ति बकर नजाफी की अध्यक्षता वाली लाहौर उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने पीएमएल-एन अध्यक्ष शाहबाज शरीफ की याचिका पर सुनवाई की जिसमें धन शोधन के एक मामले में एनएबी की हिरासत में बंद उनके बड़े भाई को स्वास्थ्य के आधार पर रिहा करने का अनुरोध किया गया तथा इसे स्वीकार कर लिया गया। हालांकि, शरीफ को तत्काल रिहा नहीं किया जाएगा क्योंकि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने अल अजीजिया स्टील मिल मामले में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई को मंगलवार (29 अक्टूबर) तक के लिए स्थगित कर दिया है।
तीन बार प्रधानमंत्री रहे शरीफ के वकील अश्तार औसफ ने अदालत को बताया कि उनकी हालत ''बहुत गंभीर" है और उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। एनएबी के लोक अभियोजक ने बचाव पक्ष की याचिका को चुनौती न देते हुए कहा कि चूंकि यह पूर्व प्रधानमंत्री की सेहत की गंभीर हालत का मसला है इसलिए वह उनकी जमानत का विरोध नहीं करेंगे। अदालत के बाहर मीडिया से बातचीत में शाहबाज शरीफ ने उनके बीमार भाई को मेडिकल आधार पर जमानत देने के लिए लाहौर उच्च न्यायालय का आभार जताया। उन्होंने कहा, ''मियां नवाज शरीफ को जमानत पर रिहा करने पर पूरा देश खुश है।"
शरीफ की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा कि वह उम्मीद करती है कि मंगलवार को दूसरे मामले में भी उन्हें जमानत मिल जाएगी ताकि वह अपनी पसंद के अस्पताल में इलाज करा सके। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि शरीफ इलाज के लिए विदेश जाना चाहेंगे या नहीं। शरीफ की एनएबी हिरासत में तबीयत बिगड़ने के बाद सोमवार (21 अक्टूबर) रात से ही सर्विसेज अस्पताल में इलाज चल रहा है। वह अल अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में सात साल की जेल की सजा भी काट रहे हैं।
सर्विसेज अस्पताल के प्रिंसिपल एयाज मोहम्मद की अध्यक्षता वाले 10 सदस्यीय चिकित्सा बोर्ड ने उनकी हालत को ''काफी गंभीर" बताते हुए अदालत में अपनी रिपोर्ट सौंपी। डॉ. एयाज ने कहा कि बोर्ड ने उनके बिगड़ते स्वास्थ्य की वजह का पता लगा लिया है। उन्होंने कहा, ''उन्हें थ्रोम्बोसायटोपेनिक परप्यूरा यानी कि रक्त स्राव की गड़बड़ी की बीमारी है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली प्लेटेलेट्स को नष्ट करती है। चूंकि शरीफ का प्लेटेलेट काउंट लगातार गिर रहा है तो हम हर दिन उन्हें प्लेटेलेट चढ़ा रहे हैं लेकिन वे हर दिन नष्ट हो रहे हैं।"
बृहस्पतिवार (24 अक्टूबर) शाम को भी शरीफ का प्लेटेलेट काउंट गिरकर 20,000 से 6,000 पर पहुंच गया। प्रख्यात रुधिर रोग विशेषज्ञ और अस्थि मज्जा प्रतिरोपण विशेषज्ञ डॉ. ताहिर सुल्तान शम्सी ने बताया कि शरीफ को हड्डी का कैंसर नहीं है बल्कि आईटीपी है जिसका इलाज पाकिस्तान में उपलब्ध है। बीमारी का पता चलने पर राहत जताते हुए डॉक्टर ने कहा कि उचित इलाज से इस बीमारी का उपचार किया जा सकता है। पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने बृहस्पतिवार (24 अक्टूबर) को पत्रकारों को बताया कि जमानत मिलने पर विदेश जाकर इलाज कराना नवाज शरीफ का फैसला होगा।
जेल और एनबीए की हिरासत से बाहर आने के लिए शरीफ को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय और लाहौर उच्च न्यायालय से जमानत मिलने की दरकार होगी। प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी शरीफ के स्वास्थ्य पर चिंता जताते हुए कहा, ''राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, नवाज शरीफ की सेहत के लिए मेरी दुआएं उनके साथ है। मैंने सभी संबंधित लोगों को उन्हें हरसंभव बेहतर इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने अल-अजीजिया स्टील मिल मामले में उन्हें मेडिकल आधार पर जमानत देने की याचिका पर भी सुनवायी की। इस मामले में उन्हें पिछले साल दिसंबर में सात साल की जेल की सजा सुनायी गयी थी। अदालत ने शरीफ की पूरी मेडिकल रिपोर्ट मांगी है और मामले की सुनवायी 29 अक्टूबर तक मुल्तवी कर दी। शरीफ कोट लखपत जेल में थे लेकिन इस महीने की शुरुआत में उन्हें एनएबी की हिरासत में भेजा गया जो चौधरी शुगर मिल मामले में शरीफ के परिवार की जांच कर रही है।
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. यास्मिन राशिद ने पत्रकारों को बताया कि प्रधानमंत्री खान ने शरीफ को अच्छा इलाज मुहैया कराने का आदेश दिया है। खान ने मरियम नवाज को भी एक प्रमुख अस्पताल में उनके पिता शरीफ के साथ रखने के निर्देश दिए हैं। मरियम को बुधवार (23 अक्टूबर) को लाहौर के सर्विसेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्हें शरीफ की तबीयत बिगड़ने के बाद उनसे मिलने के लिए उच्च सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल ले जाया गया। इस बीच, एक प्रमुख पाकिस्तानी अखबार ने पूर्व प्रधानमंत्री की बीमारी के बारे में उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाने और उनके इलाज को लेकर लापरवाही बरतने के लिए इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की।