नई दिल्ली । भारत के 5150 रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई सेवा उपलब्ध कराने के बाद अब सरकार चलती ट्रेनों में भी फ्री वाई-फाई सेवाएं देने की तैयारी कर रही है। यह जानकारी केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दी है। उन्होंने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए समयसीमा को लेकर भी जानकारी दी है। पीयूष गोयल ने कहा केंद्र सरकार साढ़े चार सालों के अंदर ट्रेनों में वाई-फाई सर्विस देने की तैयारी में है। स्वीडन में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह एक जटिल तकनीकी मसला है। चलती ट्रेनों में वाई-फाई देने के लिए अधिक निवेश की जरूरत होगी। इसके लिए टावर लगाने के अलावा रेलगाड़ियों के अंदर कुछ उपकरण भी लगाने होंगे।
इन सब के लिए हमें विदेशी तकनीक और निवेशकों को लाना पड़ सकता है। उन्होंने कहा ट्रेनों में वाई-फाई सेवा देने से कंपार्टमेंट्स में सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी। सुरक्षा के मद्देनजर ये काफी अच्छा होगा, क्योंकि इससे ट्रेन के हर डिब्बे में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा सकेंगे और इसकी लाइव फीड नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाएगी। वाईफाई सुविधा होने से सिग्नलिंग सिस्टम भी बेहतर तरीके से काम करेगा। हम इसे अगले चार साल या साढ़े साल सालों में शुरू करेंगे। गोयल ने कहा ट्रेनों से भीतर वाईफाई सर्विस देने के लिए अलावा सरकार रेलवे स्टेशनों में वाईफाई सेवा देने वाले प्रोग्राम को भी विस्तार देने की तैयारी में है। मौजूदा वक्त में देश के लगभग 5,150 रेलवे स्टेशनों में वाईफाई सुविधा उपलब्ध है। अब सरकार इंटरनेट या वाईफाई सेवा को देशभर के 6,500 स्टेशनों में उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है। रेल मंत्री ने कहा कि हम वाईफाई सेवा को 6,500 स्टेशनों में अगले साल के अंत तक उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं। ध्यान देने बात यह है कि भारत सरकार के अलावा, गूगल देश भर के बाकी रेलवे स्टेशनों पर अपने गूगल स्टेशन कार्यक्रम के विस्तार पर काम कर रहा है। गूगल का स्टेशन प्रोग्राम जनवरी 2016 में मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन के साथ शुरू हुआ और कंपनी ने पिछले साल अपने 400वें स्टेशन- असम के डिब्रूगढ़ को नेटवर्क में शामिल किया। अपने अगले चरण में, गूगल ने गुजरात, बिहार और महाराष्ट्र के गांवों में वाई-फाई संपर्क देने के लिए बीएसएनएल के साथ साझेदारी की है।