म.प्र. भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के निर्णय से जबलपुर जिले में तीन एक जैसे प्रकरणों में आवेदकों के प्लॉट का पंजीकृत विक्रयनामा हुआ। आवेदक और अनावेदक के बीच राजीनामा होने से बिल्डर की सम्पत्ति कुर्क होने से भी बच गई। रेरा के निर्णय अनुसार बिल्डर को आवेदकों को उनके द्वारा दी गई मूल्य राशि 8 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से दिया जाना था। प्राधिकरण द्वारा संबंधित प्रकरणों में कलेक्टर जबलपुर को आर.आर.सी. भी जारी की गई।
अनावेदक ने प्राधिकरण को सूचित किया कि तीनों प्रकरण में आवेदकों के पक्ष में पंजीकृत विक्रयनामा संपादित कर राजीनामा हो गया है। अब उभयपक्ष के मध्य कोई विवाद नहीं है। आवेदकों ने भी प्राधिकरण में राजीनामा प्रस्तुत कर सूचित किया कि उन्हें प्लॉट का कब्जा मिल गया है। अनावेदक ने प्रकरणों की कार्यवाही समाप्त कर प्राधिकरण के आदेश के परिप्रेक्ष्य में शासन द्वारा जारी आर.आर.सी. वापस बुलाये जाने का अनुरोध किया। प्राधिकरण ने कलेक्टर जबलपुर को अनावेदक की सम्पत्ति को कुर्की से मुक्त कराकर मूल आर.आर.सी. वापस करने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि रेरा में जबलपुर निवासी आवेदक श्रीमती मुन्नी देवी, श्रीमती संगीता यादव तथा श्री संतोष कुमार ने अनावेदक संप्रर्वतक होम्स वर्क इंडिया प्रा.लि. जबलपुर के विरूद्ध आवेदन कर उनके द्वारा ग्राम खमरिया, तहसील जिला जबलपुर स्थित परियोजना 'नीमखेड़ा समृद्धि फेस-1' में भू-खण्ड में बुक किये गये प्लॉट का अनुबंध की शर्त के अनुसार विकास कार्य कर विक्रय-पत्र निष्पादित नहीं किये जाने की शिकायत दर्ज करायी थी। साथ ही भुगतान की गई सम्पूर्ण प्रतिफल राशि ब्याज सहित वापस करने एवं क्षतिपूर्ति के लिये आवेदन प्रस्तुत किया था।
प्राधिकरण द्वारा पारित आदेशानुसार अनावदेक को आवेदिका श्रीमती मुन्नी देवी को 2 लाख 80 हजार रूपये, श्रीमती संगीता यादव को 3 लाख 22 हजार 500 रूपये तथा श्री संतोष कुमार रॉय को 3 लाख 40 हजार रूपये का भुगतान किया जाना था। साथ ही तीनों प्रकरणों में आवेदकों को देय राशि का 8 प्रतिशत दर से वार्षिक ब्याज अनावेदक को भी दिया जाना था। रेरा के निर्णय से तीनों प्रकरण सुलझ गये हैं।