इन्दौर संभाग में इस वर्ष रबी का रकबा बढ़ेगा 

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इन्दौर । इन्दौर संभाग में इस वर्ष के मानसून सत्र में सामान्य और गत वर्ष की तुलना में हुई अधिक वर्षा को देखते हुए रबी में गेंहू तथा अन्य रबी फसलों का रकबा बढ़ाया जायेगा। संभाग में कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिये रबी के दौरान अंतरवर्तिय  फसलों तथा फसलों की विविधता पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। जैविक खेती तथा उद्यानिकी की फसलों को प्रोत्साहित किया जायेगा। इन्दौर संभाग में रबी के दौरान किसानों को उनकी मांग के अनुसार समय पर  पर्याप्त मात्रा में खाद, बीज सहित अन्य कृषि आदानों उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। इसके लिये जिला स्तर पर सुक्षम कार्य योजना बनाकर उसका प्रभावी क्रियांवयन किया जायेगा।
यह जानकारी आज यहाँ कृषि उत्पादन आयुक्त श्री प्रभांशु कमल की अध्यक्षता में संपन्न हुई उच्च स्तरीय संभागीय समीक्षा बैठक में दी गई। बैठक में संभागायुक्त श्री आकाश त्रिपाठी, कमिश्नर सहकारिता श्री एम.के. अग्रवाल, एम.डी. मार्कफेड श्रीमती स्वाति मीना, संचालक कृषि श्री मुकेश शुक्ला, संचालक कृषि अभियांत्रिकी श्री राजू चौधरी, सुश्री सोफिया फारूकी सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी और संभाग के जिलों के कलेक्टर तथा जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री प्रभांशु कमल ने गत खरीफ के दौरान इन्दौर संभाग के कुल रकबा, उसमें बोई गई फसल, उत्पादन और उत्पादकता आदि की जिलेवार समीक्षा की। इसी तरह उन्होने इस वर्ष के रबी मौसम के कुल रकबे, बोनी के लक्ष्य, बीज-खाद एवं कीटनाशक दवाईयों की मांग, उपलब्धता, वितरण आदि व्यवस्थाओं की जिलेवार समीक्षा की। उन्होने निर्देश दिये कि  संभाग में किसानों को उनकी मांग के  अनुसार समय पर खाद-बीज सहित अन्य कृषि आदान पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराये जाये। बीजों की उपलब्धता, सहकारिता और शासकीय क्षेत्र की संस्थाओं के माध्यम से अधिक से अधिक की जाये। खाद की मांग का वास्तविक आंकलन कर भण्डारन सुनिश्चित कर किसानों को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाये। संभाग में खरीफ के दौरान फसलों की विविधता पर विशेष ध्यान दिया जाये। अंतरवर्तिय फसलों को प्रोत्साहित किया जाये। मौसम की अनुकूलता एवं मिट्टी की उर्वरकता को देखते हुए फसलों का चयन कर बुआई कराई जाये। कीट व्याधियों का समय पर निदान कर उसका उपचार कराया जाये। कृषि यंत्रों का अनुदान समय पर वितरित हो यह ध्यान रखा जाये।
बैठक में किसानों के ऋण वितरण, जय किसान ऋण माफी योजना आदि की भी समीक्षा की गई। बैठक में संभाग के सभी जिलों के कलेक्टरों ने अपने-अपने जिलों में कम लागत में अधिक कृषि उत्पादन प्राप्त करने के लिये किये जा रहें नवाचारों की जानकारी दी।
बैठक में बताया गया कि संभाग में जारी वर्ष के मानसून सत्र में 01 जून से लेकर 30 सितंबर तक 1239.14 मिमी औसत वर्षा हुई है। यह गत वर्ष इस अवधि में दर्ज वर्षा कि तुलना में 491.41 तथा सामान्य से 410.64 मिमी अधिक है। संभाग में गत वर्ष इस अवधि में 747.73 मिमी औसत वर्षा हुई थी। संभाग की सामान्य वर्षा 828.50 मिमी है।
बैठक में बताया गया कि इस वर्षा को देखते हुए रबी का रकबा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। संभाग में गत वर्ष 2018-19 में रबी के दौरान 14 लाख से अधिक रकबे में बुआई हुई थी। इस वर्ष रबी में 15 लाख 57 हजार हेक्टेयर रकबे में बोनी का लक्ष्य रखा गया है। संभाग में इस वर्ष गेंहू के रकबे में 21.54 प्रतिशत गेंहू का रबका बढ़ेगा साथ ही चने को छोडकर अन्य रबी फसलों का रकबा भी बढ़ाया जायेगा।
:: इन्दौर संभाग जैसा अभियान पूरे प्रदेश में चलेगा :: 
संभागायुक्त श्री आकाश त्रिपाठी ने बैठक में इन्दौर संभाग में चल रहें कृषि कार्यो की जानकारी दी। उन्होने बताया कि संभाग में कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिये अनेक नवाचार किये जा रहें है। इसके साथ ही संभाग में किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद-बीज सहित अन्य कृषि आदानों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत प्रभावी कार्यवाही की जा रही है।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्री प्रभांशु कमल ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह का अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जाये। बैठक में संभागायुक्त श्री त्रिपाठी ने बताया कि गत खरीफ के दौरान गुणवत्तापूर्ण खाद-बीज सहित अन्य कृषि आदानों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये अभियान चलाये जा रहें है। इस अभियान के अंतर्गत बीज, खाद एवं कीटनाशक औषधियों के 3 हजार 312 नमूने लिये गये। इनमें से 144 नमूने अमानक पाये गये। फलस्वरूप 114 लाइसेंस निरस्त किये गये, 11 प्रतिष्ठानों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई तथा 06 प्रतिष्ठानों के लाइसेंस निलंबित किये गये। इस तरह का अभियान रबी मौसम में भी चलाया जायेगा।