पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक गांव के लोग ईवीएम मशीन में गडबड़ी की शिकायत कर रहे हैं. इनका आरोप है कि ईवीएम पर उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को वोट देने के लिए बटन दबाया लेकिन वोट भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को जा रहा था.
पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक गांव के लोग ईवीएम मशीन में गडबड़ी की शिकायत कर रहे हैं. इनका आरोप है कि ईवीएम पर उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को वोट देने के लिए बटन दबाया लेकिन वोट भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को जा रहा था. वहीं, चुनाव अधिकारी ने ऐसे आरोपों को खारिज किया. बता दें कि सतारा लोकसभा सीट के लिए भी उपचुनाव महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 21 अक्टूबर को हुए मतदान के साथ ही हुआ.
सतारा जिले की कोरेगांव तहसील के नवलवाडी गांव के लोगों ने अपने पोलिंग बूथ पर ईवीएम में गड़बडी की शिकायत की. एनसीपी के पोलिंग एजेंट दीपक पवार ने बताया, ‘जब मतदान शुरू हुआ तो पहले मतदाता ने कहा कि मशीन में गड़बड़ है. जब मशीन पर एनसीपी उम्मीदवार के चुनाव चिह्न घड़ी वाला बटन दबाया गया तो वोट कमल (बीजेपी के चुनाव चिह्न) को जा रहा था. कम से कम 10 से 12 लोगों के साथ ऐसा हुआ. फिर करीब 200 वोट डलने के बाद मशीन के साथ समस्या हुई. मैंने चुनाव अधिकारियों से आपत्ति जताई.
अधिकारियों ने चेक किया तो पाया कि कोई भी बटन दबाने से पहले ही वोट कमल को जा रहा था. सब अधिकारियों के सामने हुआ तो उन्होंने वो मशीन बदल कर नई मशीन लगा दी. लेकिन हमारा सवाल है कि जो 200 से ज्यादा वोट तब तक डल गए थे, उनका क्या होगा?”
इंडिया टुडे ने इस शिकायत को लेकर पूरे कोरेगाव विधानसभा क्षेत्र की चुनाव आयोग की ओर से प्रभारी कीर्ति नलवाडे से बात की. कीर्ति ने कहा, ‘चुनाव 5 बजे तक सुचारू रूप से चला, 291 वोट डलने के बाद मशीन में तकनीकी खराबी आ गई. हमारे इंजीनियर वहां थे और उन्होंने मशीन तत्काल बदल दी. जब नलवाडे से एनसीपी के लिए बटन दबाने पर बीजेपी को वोट जाने की शिकायत पर बात की गई तो उन्होंने ऐसी कोई भी शिकायत मिलने से इनकार किया.’
नलवाडे ने कहा, ‘जब एक शख्स इस बारे में बोला तब तक 70% मतदान हो चुका था. टेस्ट मेल के लिए प्रावधान है और इसके लिए हलफनामे के तौर पर लिखित शिकायत करनी पड़ती है जिसका प्रारूप हमारे पास मौजूद था. हमने उस शख्स से हस्ताक्षर कर प्रारूप सौंपने के लिए कहा जिससे कि हम शिकायत की जांच कर सके. लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया.’
नलवाडे के मुताबिक ‘सुबह 7 बजे मतदान शुरू होने से पहले सारे पोलिंग एजेंट्स के सामने एक मॉक पोल भी किया गया. उस वक्त सारी पार्टियों के पोल एजेंट वहां मौजूद थे. उस वक्त ईवीएम मशीन के सारे बटनों को दबा चेक किया गया कि जिस पार्टी का बटन दबाया गया, उसी के पक्ष में स्लिप आई या नहीं. सारे पोलिंग एजेंटों के संतुष्ट होने के बाद दस्तावेज पर हस्ताक्षर कराए गए. दीपक पवार ने भी दस्तावेज पर हस्ताक्षऱ किए.’
नलवाडे ने ऐसी कोई घटना होने से इनकार किया कि बटन दबाने से पहले ही कमल को जा रहा था. एनसीपी के पोलिंग एजेंट दीपक पवार ने ऐसा आरोप लगाया था.नलवाडे ने कहा कि आद्रता वाले मौसम की वजह से ‘संवेदनशील’ वोटिंग मशीन में कभी कभी तकनीकी खराबी आ जाती है तो उसे बदलना पड़ता है.
नलवाडे ने कहा, “मशीन को शाम को बदला गया क्योंकि उसमें खामी पाई गई थी. ये सिर्फ एक गांव में ही नहीं हुआ, पूरे विधानसभा क्षेत्र में 24 VVPATs को बदला गया. क्योंकि कहीं पर पेपर प्रिंट नहीं हो रहा था और कहीं स्लिप नहीं गिर रही थी. बीते दो दिन से भारी बारिश हो रही थी तो इन मशीनों में खराबी आई तो इन्हें बदल दिया गया.’
सतारा लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ ही संपन्न कराया गया. ये लोकसभा सीट एनसीपी के विजयी उम्मीदवार उदयनराजे भोसले के पाला बदल कर बीजेपी में शामिल होने की वजह से रिक्त हुई. उपचुनाव में बीजेपी के टिकट से मैदान में उतरे उदयनराजे भोसले के सामने एनसीपी ने सिक्किम के पूर्व राज्यपाल श्रीनिवास पाटिल को अपना उम्मीदवार बनाया.