रांची । भारत ने द.अफ्रीका के खिलाफ तीसरे क्रिकेट टेस्ट के पहले दिन बारिश के कारण दिन का खेल जल्दी खत्म होने तक पहली पारी में 3 विकेट पर 224 रन बनाए। इसके पहले भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए सुबह के सत्र में सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल (10), चेतेश्वर पुजारा (00) और कप्तान विराट कोहली(12) के रुप में तीन झटके लगे। इसके बाद रोहित शर्मा (नाबाद 117) और उप कप्तान रहाणे (नाबाद 83) ने इसके बाद चौथे विकेट के लिए 185 रन की अटूट साझेदारी करके भारत की पारी को संवारा। दक्षिण अफ्रीका की ओर से कागिसो रबादा ने दो जबकि एनरिच नोर्टजे ने एक विकेट चटकाया।मैच में भारत की तरफ से शाहबाज नदीम अपने टेस्ट करियर की शुरूआत करने वाले है।
विश्व चैंपियनशिप में भारत के अभी चार मैचों में 200 अंक हैं और उसने अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी न्यूजीलैंड और श्रीलंका पर 140 अंकों की बड़ी बढ़त बना रखी है। कोहली साफ कर चुके हैं कि अंतिम टेस्ट मैच में भी काफी कुछ दांव पर लगा है और उनकी टीम किसी भी तरह से ढिलाई नहीं बरतेगी। अंतिम टेस्ट मैच से पूर्व भारतीय टीम में बल्लेबाजी या गेंदबाजी में कोई खास कमजोरी नजर नहीं आती है। भारतीय शीर्ष क्रम ने अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है। रोहित ने लंबे प्रारूप में सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी भूमिका बखूबी निभायी है। उन्होंने पहले टेस्ट मैच में पहली बार पारी का आगाज करते हुए दोनों पारियों में शतक लगाए। वहीं मयंक अग्रवाल ने विशाखापत्तनम में दोहरा शतक लगाया तो पुणे में भी वह सैकड़ा जमाने में सफल रहे।
पुणे में हालांकि कोहली ने 254 रन की जादुई पारी खेली जो उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। रोहित पुणे में कुछ नहीं कर पाए थे और वह इसकी भरपाई करना चाहते है। जबकि अब तक श्रृंखला में दो अर्धशतक लगाने वाले चेतेश्वर पुजारा तिहरे अंक तक पहुंचने की कोशिश कर सकते है। भारत ने अब तक श्रृंखला में केवल 16 विकेट गंवाए हैं जबकि उसने दक्षिण अफ्रीका को दोनों टेस्ट मैचों में बुरी तरह पस्त किया। द.अफ्रीका ने पिछली बार जब भारत का दौरा किया था तो स्पिनरों ने उसका जीना मुहाल कर दिया था लेकिन इस बार तेज गेंदबाज और स्पिनर दोनों ने अहम भूमिका निभायी है। उमेश यादव ने पुणे टेस्ट मैच में शानदार वापसी की जबकि विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने कुछ बेहतरीन कैच लपके। कोहली ने पुणे में उमेश के रूप में अतिरिक्त तेज गेंदबाज रखा था जिससे हनुमा विहारी को अंतिम एकादश में जगह नहीं मिल पाई थी।
दक्षिण अफ्रीकी कप्तान डुप्लेसिस पहले ही कह चुके हैं कि रांची की पिच स्पिनरों के अनुकूल होगी और इसकारण कुलदीप यादव के रूप में तीसरा स्पिनर भी भारतीय एकादश में जगह बना सकता है। दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने विशाखापत्तनम में कुछ दम दिखाया था लेकिन पुणे में वे नाकाम रहे थे। केवल पुछल्ले बल्लेबाजों ने ही भारतीय गेंदबाजों को कुछ परेशान किया। डुप्लेसिस ने इसके लिए डीन एल्गर, क्विंटन डिकाक और तेम्बा बावुमा जैसे अनुभवी बल्लेबाजों से जिम्मेदारी के साथ बल्लेबाजी करने के लिए कहा है। एडेन मार्कराम के चोटिल होने के कारण बाहर होने से दक्षिण अफ्रीका की परेशानियां बढ़ी है। गेंदबाजी की बात करें तो कैगिसो रबाडा, वर्नोन फिलैंडर और एनरिच नॉर्टजे अब तक भारतीय तेज गेंदबाजों की तरह प्रभावी नहीं रहे हैं। उसके सीनियर स्पिनर केशव महाराज भी इस मैच में नहीं खेल पाएंगे और ऐसे में दक्षिण अफ्र्रीकी आक्रमण के लिए भारतीय बल्लेबाजों को रोकना मुश्किल होगा।