नई दिल्ली: दिल्ली के तुगलकाबाद में डीडीए (DDA) गिराए गए रविदास मंदिर (Ravidas Temple) को उसी जगह पर जमीन दी जाएगी. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) को अपने फैसले की जानकारी दी.
जंगल की जमीन में बने मंदिर को DDA ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हटाया था. इसके खिलाफ याचिकाओं का जवाब देते केंद्र ने यह जानकारी दी है. इस पर SC का आदेश सोमवार को आएगा.
इससे पहले 4 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह प्रत्येक नागरिक की भावना का सम्मान करता है, लेकिन कानून का पालन किया जाना आवश्यक है. इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में तुगलकाबाद वन क्षेत्र की संरक्षित भूमि पर गुरु रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण को लेकर याचिकाओं की सुनवाई के लिए सहमत हो गया था.
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं को आश्वासन दिया था कि कानून के तहत जो कुछ किया जा सकता है, वह किया जाएगा. पीठ ने कहा, 'हम प्रत्येक व्यक्ति की भावनाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन हमें कानून का पालन करना है.' हालांकि, अदालत ने इस बात को साफ किया कि मंदिर को इसलिए तोड़ा गया, क्योंकि वह वन क्षेत्र की संरक्षित भूमि में बना था और उसे वहां पुन: नहीं बनाया जा सकता.
बता दें सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, डीडीए ने 10 अगस्त को मंदिर गिरा दिया था.