डिंडौरी. मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले (Dindori District) में वन विभाग (Forest Department) का क्रूर चेहरा सामने आया है. मामला बजाग वन परिक्षेत्र के ताला गांव का है, जहां अतिक्रमण हटाने पहुंची वन विभाग की टीम ने धान की फसल (Paddy Crop) को बर्बाद करने के लिए मवेशियों को खेतों में छोड़ दिया. वन विभाग के अधिकारी की मानें तो रिजर्व फॉरेस्ट की करीब 20 एकड़ भूमि पर कब्ज़ा कर तीन ग्रामीण लंबे समय से खेती कर रहे थे, जिन्हें भूमि खाली करने के लिए कई बार नोटिस भी जारी किया गया था. लेकिन ग्रामीण भूमि खाली नहीं कर रहे थे, लिहाजा उन्होंने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की है.
वन विभाग ने बताया जायज कदम
मौके पर मौजूद वन विभाग के अधिकारी मवेशियों के द्धारा फसल बर्बाद किये जाने के कदम को जायज बता रहे हैं. अतिक्रमण हटाने के दौरान अतिक्रमणकारियों ने कार्रवाई का विरोध किया, लेकिन वनकर्मियों की संख्या ज्यादा होने के कारण वे कुछ नहीं कर सके.
अतिक्रमणकारी ग्रामीणों की मानें तो वो करीब 20 सालों से इस भूमि पर खेती कर अपना जीवनयापन कर रहे थे और इस भूमि के अलावा उनके पास कोई दूसरी भूमि भी नहीं है. ऐसे में उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. एक तरफ सरकार लंबे समय से वन भूमि में काबिज लोगों को पट्टा देने का दावा करती है, वहीं दूसरी तरफ लंबे समय से काबिज लोगों को इस तरह से बेदखल करना सवाल खड़े करता है.