उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में लोईया गांव में मंगलवार को आरती की हत्या के बाद दीपक तमंचा लेकर दौराला थाने पहुंच गया। पहरे पर खड़े सिपाही को तमंचा देते हुए वह बोला, मैंने आरती को मार दिया है। यह सुनते ही पुलिसवालों के पांव तले जमीन खिसक गई। उसके हाथ में तमंचा देख पुलिसवालों के होश फाख्ता हो गए। सूचना तस्दीक करने के लिए वे तुरंत गांव पहुंचे। देखा तो युवती अपने कमरे में फर्श पर पड़ी थी। पूरा शव लहूलुहान था।
बताया गया कि घटना के समय युवती घर पर अकेली थी। आरोपी की मानें तो पिछले पांच दिन से लगातार उसकी युवती से फोन पर बात हो रही थी और उसे वह अपने साथ ले जाने के लिए मनाने में जुटा था। युवती लगातार इंकार कर रही थी। मंगलवार को युवती के घर पहुंचने पर उसका गुस्सा भड़क गया और उसने घटना को अंजाम दे डाला। वारदात के बाद आरोपी दीपक खुलेआम गांव की गलियों से तमंचा लहराते हुए थाने तक पहुंचा। इस दौरान ग्रामीणों ने उसे तमंचे के साथ देखा लेकिन किसी की हिम्मत उसे पकड़ने की नहीं हुई। दीपक के जाने के काफी देर बाद लोग आरती के घर में घुसे तो वहां युवती को लहूलुहान हालत में फर्श पर पड़े देखा।
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मां संग जाती तो बच जाती जान: घटना के बाद आरती की मां का रो-रोकर बुरा हाल था। पिता की मौत के बाद आरती, घर चलाने में मां का सहयोग करती थी। आसपास की महिलाओं ने बताया कि आरती प्रतिदिन अपनी मां के साथ जंगल में चारा लेने जाती थी लेकिन आज वह घर पर रुक गई। महिलाएं कह रही थीं कि अगर आज भी वह अपनी मां के साथ चारा लेने चली जाती तो उसकी जान बच जाती।
एसपी सिटी डॉ.अखिलेश नारायण सिंह ने कहा कि लड़की से उसका सगा मौसेरा भाई एकतरफा प्यार करता था। लड़की ने उसे अपनाने से इनकार कर दिया। इससे आरोपी आहत हुआ और उसने घर पहुंचकर गोली मारकर लड़की की हत्या कर दी। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। सारी चीजों की छानबीन की जा रही है।
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जो मेरी नहीं, उसे किसी और की कैसे होने देता
थाने में दीपक के चेहरे पर कोई शिकन तक नहीं थी। मुजफ्फरनगर के एक कॉलेज में बीएड फाइनल ईयर के छात्र दीपक के सिर पर जुनून इस कदर सवार था कि युवती के साथ चलने से इंकार करने पर उसे मौत के घाट उतार दिया। थाने में दीपक ने बताया कि वह तमंचा सिर्फ आरती को डराने के लिए लाया था। उसे मारने का कोई इरादा नहीं था। युवती द्वारा इंकार करने और उसके साथ गाली-गलौज करने पर वह आपा खो बैठा और गोली चला दी। आरोपी ने कहा कि जो मेरी नहीं, उसे किसी और की कैसे होने देता।