शिवसेना के घोषणा पत्र और बीजेपी के संकल्प पत्र में तुलना की जाए तो काफी अंतर नजर आता है. बीजेपी के साथ पांच साल तक सरकार में रहने के बावजूद शिवसेना ने अपने घोषणा पत्र में सरकार की किसी उपलब्धि को शामिल नहीं किया है.
शिवसेना के बाद बीजेपी ने जारी किया संकल्प पत्रबीजेपी ने रोजगार और सूखे के संकट को दी प्रमुखताशिवसेना के घोषणा पत्र में जनकल्याण पर जोर
शिवसेना के बाद भारतीय जनता पार्टी ने भी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया है. शिवसेना ने जहां गरीबों को 10 रुपये में भोजन देने का वादा किया है, वहीं बीजेपी ने पूरे महाराष्ट्र को सूखा मुक्त बनाने के साथ अगले पांच सालों में एक करोड़ रोजगार देने का संकल्प लिया है. हालांकि, गठबंधन में चुनाव लड़ रहीं इन दोनों पार्टियों को पहले मिलकर घोषणा पत्र जारी करना था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और दोनों दलों ने अलग-अलग अपने वादे जनता के सामने रखे.
शिवसेना के घोषणा पत्र और बीजेपी के संकल्प पत्र में तुलना की जाए तो काफी अंतर नजर आता है. बीजेपी के साथ पांच साल तक सरकार में रहने के बावजूद शिवसेना ने अपने घोषणा पत्र में सरकार की किसी उपलब्धि को शामिल नहीं किया है.
महिलाओं से जुड़े विषय
बीजेपी और शिवसेना दोनों ने महिलाओं के लिए बराबर काम-बराबर पैसा की बात की है. साथ ही दोनों पार्टियों ने महिलाओं के लिए सैनेटरी नेपकिन और हॉस्टल्स की बात की है. शिवसेना ने कमजोर तबसे से आने वाली लड़कियों को फ्री कॉलेज एजुकेशन देने का वादा किया है तो बीजेपी ने कहा है कि जिन उद्योगों में 60 फीसदी से ज्यादा महिला कर्मचारी होंगी सरकार उन्हें खरीदारी में तवज्जो देगी.
ग्रामीण विकास
शिवसेना ने सभी गांवों को हर मौसम में जोड़ने का वादा किया है. साथ ही सिंचाई प्रोजेक्ट्स को सुधारने का भी वादा किया है. जबकि बीजेपी ने सभी बाजार समितियों का डिजिटलीकरण करने का इरादा जाहिर किया है. साथ ही बीजेपी ने शुगर उद्योग को बढ़ावा देने का भी संकल्प लिया है.
शहरी विकास
शिवसेना ने शहरी विकास के लिए अच्छी सड़कें और इलैक्ट्रिक बसों की बात की है. साथ ही मुंबई ईस्टर्न कोस्टल फ्रंट के विकास की भी बात शिवसेना ने की है. जबकि बीजेपी के संकल्प पत्र में मुंबई-नागपुर बुलेट ट्रेन और वंदे भारत ट्रेन से कनेक्टिविटी बढ़ाने की बात कही गई है. बीजेपी ने लातूर और यवतमाल जैसे छोटे शहरों में एयरपोर्ट स्थापित करने की भी मंशा जाहिर की है.
जनकल्याण के कार्यक्रम
शिवसेना ने 1,000 केंद्रों पर गरीबों को पौष्टिक भोजन 10 रुपये में देने का वादा किया है. पौष्टिक आहार के साथ-साथ शिवसेना ने जन स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए सिर्फ एक रुपये में 200 स्वास्थ्य परीक्षण कराने की घोषणा की है. इसके अलावा 300 यूनिट से कम बिजली खपत पर बिल में 30 प्रतिशत तक छूट और किसानों को कम कीमतों पर उर्वरक देने, फसल बीमा के अंतर्गत सुनिश्चित करने के लिए किसान को 10,000 रुपये का व्यक्तिगत रूप से सहयोग देने का वादा किया गया.
जबकि बीजेपी ने अगले पांच सालों में एक करोड़ रोजगार देने का संकल्प लिया है. साथ ही शिवाजी महाराज मेमोरियल और बीआर अंबेडकर मेमोरियल को 2020 तक पूरा करने का वादा किया है.
इन वादों के अलावा बीजेपी ने वीर सावरकर को भारत रत्न की मांग को अपने संकल्प पत्र में शामिल किया है. बीजेपी के इस कदम को काफी अहम माना जा रहा है.