इन्दौर । इन्दौर में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय समाजवादी समागम का समापन करते हुए नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर ने कहा कि देश इस समय भयावह संकट के दौर से गुजर रहा है। वर्तमान सरकार पूंजी परस्त है और उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए जनविरोधी नीतियों को लागू कर रही है। कश्मीर, नर्मदा घाटी, सेंचुरी मिल सहित देशभर की स्थिति की चर्चा करते हुए मेघा ताई ने कहा कि इसका विरोध करना और सड़क पर आकर संघर्ष करना आज की आवश्यकता है। विरोध और संघर्ष ही एकमात्र रास्ता है, जो गांधी लोहिया और अंबेडकर ने दिखाया है आप सब इन्दौर से जाकर अपने अपने क्षेत्रों में संघर्ष तेज करें।
दो दिवसीय ''समाजवादी समागम'' में कश्मीर के हालात, एनआरसी, उत्तर प्रदेश में फर्जी एनकाउंटर में निर्दोषों की हत्या, शिक्षा के निजीकरण को रोकने, भाषाओं को प्राथमिकता देने संबंधी कई प्रस्ताव पास किए गए और उन पर संघर्ष तेज करने का आवाहन किया गया। समागम में कन्याकुमारी से कश्मीर तक यात्रा निकालने, देश में 10 से ज्यादा कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर लगाने और बेंगलुरु ,पटना ,वाराणसी ,झाबुआ सहित आठ से ज्यादा समाजवादी समागम आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
समागम में बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र ,कर्नाटक आदि राज्यों के डेढ़ सौ से अधिक प्रतिनिधियों ने भागीदारी करते हुए समाजवादी आंदोलन की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर गहन मंथन किया। समागम का उद्घाटन वरिष्ठ समाजवादी चिंतक डॉ. आनंद कुमार ने किया, जबकि समापन नर्मदा बचाओ आंदोलन एवं एनएपीएम की नेता मेधा पाटकर ने किया।
पहली बार इन्दौर में हुए ''राष्ट्रीय समाजवादी समागम'' में उल्लेखनीय बात यह रही कि जयप्रकाश की जयंती पर समागम में शामिल प्रतिनिधियों ने करीब 4 कि.मी. लंबा जुलूस निकाला और गांधी प्रतिमा पहुंचकर गांधी, लोहिया व जयप्रकाश को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर एक स्मारिका प्रकाशित की गई। 36 पृष्ठों की स्मारिका विचार प्रवाह में मेघा पाटकर, जी.जी. पारीख, डॉ. आनंद कुमार, बी.आर. पाटिल, प्रो. राजकुमार जैन, कृतिकुमार वैद्य, कुर्बान अली, रमाशंकर सिंह, हरभजन सिंह सिद्धू, श्याम गंभीर, रघु ठाकुर, संजय कनौजिया, कैलाश रावत, हिम्मत सेठ, डा प्रेम सिंह, अरुण कुमार त्रिपाठी, नीरज कुमार सिंह इटावा, रामस्वरूप मंत्री, डॉ. सीमा सोनी देवास, गुड्डी मुंबई, दिनेश सिंह कुशवाहा, आराधना भार्गव ,रामबाबू अग्रवाल, नीरज कुमार नई दिल्ली आदि के लेख संकलित किए गए हैं। स्मारिका का संपादन रामस्वरूप मंत्री ने किया। प्रोफेसर आनंद कुमार, अरुण श्रीवास्तव, डॉ. सुनीलम, बी.आर. पाटिल, अप्पा साहेब, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. भरत छापरवाल, श्रीमती कृष्णा ओमप्रकाश रावल, रामस्वरूप मंत्री, पूर्व सांसद कल्याण जैन, रामबाबू अग्रवाल, प्रो. विनय भारद्वाज ने समागम के अवसर पर प्रकाशित स्मारिका विचार प्रवाह का लोकार्पण किया।
माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और वरिष्ठ पत्रकार चिंतक अरुण त्रिपाठी ने अपने ओजपूर्ण भाषण में बताया कि माइंड हार्ड हैंड तीनों का विकास होना जरूरी है बुद्धू के माध्यम से शिक्षा देना होगा ना कि उद्योगों की शिक्षा। उन्होंने मशीनीकरण की योग से होने वाली बेरोजगारी की समाप्ति की भी बात की। द्वितीय सत्र जिसकी अध्यक्षता रामस्वरूप मंत्री द्वारा की गई जिसमें कल्याण जैन मेधा पाटेकर हिम्मत सेठ, प्रो.राजकुमार जैन, अरुण श्रीवास्तव, पूर्व कुलपति रमाशंकरसिंह , कुलपति रेनू जैन ,राजेंद्र रजक, चिन्मय मिश्रा, डॉ. सुनीलम रामबाबू अग्रवाल ने भी संबोधित किया।
विभिन्न समाजवादी साथियों जिनमें सेंचुरी से जुड़े कार्यकर्ता, इंदर पटेल, नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़ी मेधा पाटकर, रवीन्द्र दुबे, सत्यनारायण शर्मा, गुड्डी श्रीधर, बर्वे, डॉ. राजेन्द शर्मा, राकेश मिश्रा, खालीद मंसूरी, अरुण मिश्रा, हिम्मत सेठ, बृहस्पति सिंह ने प्रस्ताव सामने रखे। इसी के साथ रामस्वरूप मंत्री ने अपने ओजपूर्ण भाषण में समाजवादी गतिविधियों को किस तरह से और निखारा जाए उस पर अपने विचार व्यक्त किए। समाजवादियों से सुविधाएं छोड़ने के लिए भी आग्रह किया जिसमें उन्होंने मेधा पाटकर का उदाहरण देते हुए लोगों को संबोधित किया। कार्यक्रम रमाशंकर सिंह द्वारा प्रस्तुत किए गए। अरुण श्रीवास्तव को संयोजक पोर्टल व फीचर एजंसी का संयोजन रमाशंकर सिंह को सौपा गया।
इसी बीच सांची, मुलताई, ललितपुर में शिविर लगाने की बात की गई जिसमें आनंद कुमार कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया। मेधा पाटकर, डॉ. सुनीलम, गुड्डी, राजेंद्र रजक, अरुण मिश्रा ने इसमें सहयोग करने की सहमति दी। खासकर गुड्डी ने महाराष्ट्र में युवाओं का राष्ट्रीय शिविर आयोजित करने की बात रखी।