नई दिल्ली: भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (Abhijeet Banerjee) को अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार (Nobel Award) से नवाजा गया है. एस्थर डुफलो (Esther Duflo) और माइकेल क्रेमर (Michael Cramer) के साथ अभिजीत बनर्जी को ये पुरस्कार दिया गया है. वैश्विक गरीबी और भुखमरी को दूर करने में किए गए योगदान के लिए इन तीनों अर्थशास्त्रियों को सामूहिक रूप से ये पुरस्कार दिया गया है. एस्थर डुफलो, अभिजीत बनर्जी की पत्नी हैं.
स्वीडिश अकादमी ने पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा कि अपने प्रयोगात्मक दृष्टिकोण से इन्होंने वैश्विक गरीबी को कम करने की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया है. भारत में जन्मे अभिजीत बनर्जी अमेरिकी नागरिक हैं. एस्थर डुफलो फ्रेंच-अमेरिकी हैं और माइकेल क्रेमर भी अमेरिकी हैं.
अमेरिका की एमआईटी अभिजीत बनर्जी अर्थशास्त्र का नोबेल पाने वाले दूसरे भारतीय इकोनॉमिस्ट हैं. इससे पहले अमर्त्य सेन को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए इस पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. अभिजीत बनर्जी ने कोलकाता के प्रेजीडेंसी कॉलेज और उसके बाद दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से शिक्षा ग्रहण की है.
अभिजीत बनर्जी (58)
अमेरिका की मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी मूल रूप से भारत के पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. उनका जन्म 21 फरवरी 1961 को मुंबई में हुआ. उनके पिता और मां दोनों ही अर्थशास्त्र के प्रोफेसर थे. अभिजीत बनर्जी ने अपनी पढ़ाई कोलकाता के साउथ प्वाइंट स्कूल और प्रेसिडेंसी कॉलेज से की. प्रेसिडेंसी कॉलेज से उन्होंने इकोनॉमिक्स की डिग्री ली. इसके बाद वह साल 1983 में दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी आ गए और यहां से अपना मास्टर्स किया. इसके बाद उन्होंने हॉवर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की उपाधि ली.
एस्थर डुफलो (47)
एस्थर डुफलो का जन्म पेरिस में हुआ. वह भी एमआईटी में प्रोफेसर हैं. एमआईटी से ही उन्होंने पीएचडी भी की है. अभिजीत बनर्जी से एस्थर डुफलो ने 2015 में शादी की.
माइकेल क्रेमर (55)
हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं और इसी यूनिवर्सिटी से पीएचडी भी की है. पुरस्कार के रूप में नौ मिलियन स्वीडिश क्रोनर की राशि तीनों ही विजेताओं में बराबर बांटी जाएगी.