दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय सहकारी व्यपार मेले की मदद से छत्तीसगढ़ में रोजगार के अवसर मिलेंगे और राज्य के उत्पादों की ब्रांडिंग भी होगी. राज्य के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने माना कि राज्य के उत्पादों की मार्केटिंग अच्छे से करने की जरूरत है. प्रगति मैदान में चल रहे तीन दिवसीय भारतीय अंतरराष्ट्रीय सहकारी व्यपार मेले में राज्य के वनोपज की मार्केटिंग में खामियों समझकर खुद दूर करने की रणनीति कृषि मंत्री बना रहे है. अलग-अलग राज्यों के स्टॉल के अलावा रविन्द्र चौबे ने विदेशी स्टॉल का भी निरीक्षण किया. विदेशों के साथ व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने पर भी वार्ता की है.
फार्मर प्रोड्यूसड ग्रुप (FPO) बनाने की जरूरत
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि यहां आकर फार्मर प्रोड्यूसड ग्रुप (FPO) बनाने की जरूरत है. साथ ही उत्पादों की ब्रांडिंग की जरूरत है. उन्होंने बताया कि फिलीपींस के लोगों के साथ संजीवनी के उत्पादों को लेकर चर्चा हुई है. रवींद्र चौबे ने बताया कि 43 फीसदी जंगल का इलाका है. ऑर्गेनिक खेती के लिए अलग से कुछ करने की जरूरत नहीं है. विदेशी लोग ऑर्गेनिक खेती को पसंद करते है. चीन का उत्पाद दिखने में अच्छा है. मगर स्वाद में छत्तीसगढ़ के उत्पाद अच्छे है.
मंत्री ने डेयरी डेवलपमेंट को समझा
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि हरियाणा, तेलंगाना के डेडेयरी डेवलपमेंट को समझा है. वो लोग दिल्ली में अपने उत्पाद की मार्केटिंग कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ के डेयरी उत्पाद घाटे में चल रहे हैं. कैसे उनकी मार्केटिंग करें इसे सोचने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि हथकरघा उद्योग के उत्पादों की अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ को भी मर्केटिंग करने जरुरत है.
उन्होंने बताया कि फ़ूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में राज्य में संभावनाए नजर आ रही हैं. राज्य नया है इसलिए मर्केटिंग अच्छे से नहीं हो पा रही है. मार्कफेड की मदद से अभी चावल प्रोसेसिंग और उपलब्धता ही हो रही है. 25 हजार करोड़ का धान का लेने का काम करता है. मर्केटिंग और FPO बनाकर काम करने की जरूरत है. साथ निर्यात कैसे करे इसमें भी काम करने की जरूरत है. चावल को लेकर फिलीपींस, वनोपज को लेकर फिनलैंड से चर्चा हुई है. रविन्द्र चौबे ने बताया कि ट्रेड फेयर में रोजगार के अवसर तो मिल ही रहे है, साथ ही भविष्य को लेकर जरूरतों पर भी विज़न साफ हो रहा है.