आज कल दुनिया के अधिकतर लोग मोबाइल इस्तेमाल कर रहे हैं। इस व्यस्त जीवनशैली में लोगों के पास समय की भारी कमी रहती है। कई कामों के लिए अलग-अलग समय निकालना मुश्किल है, इसलिए लोग अब चाहते हैं कि उन्हे अधिक से अधिक चीजें मोबाइल पर उपलब्ध हो जाए। जिससे वह अपने खाली वक्त उन जरूरी कामों को निपटा सकें। आवश्यक कार्यों के अतिरिक्त लोग अपने मोबाइल पर क्रिकेट स्कोर, वीडियो, मूवी आदि भी देखना पसंद करते हैं। वक्त के साथ लोगों की जरूरतें बढ़ती जा रही है। आने वाले दिनों में लोग अपने अन्य कई सारे कार्य और शौक मोबाइल पर ही पूरा करना पसंद करेगें।
सूचना तकनीक के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं से संबंधित विशेषज्ञों के मुताबिक मोबाइल एप्लीकेशन विकसित करने का काम आने वाले वर्षों में पहले पायदान पर होगा। सूचना तकनीक के क्षेत्र में मोबाइल एप्लीकेशन विकसित करने के काम में बहुत बड़ी खाई दिख रही है। जॉब के मुकाबले काम करने वाले प्रतिभावान लोगों की कमी है। एक अध्ययन के मुताबिक यह करियर 2020 तक बढना जारी रहेगा।
मोबाइल एप से ग्राहकों को सूचनाओं, मनोरंजन, अपने कामकाज, शिक्षा, खरीददारी, मेलजोल आदि के लिए संपर्क में रहने का नया और सबसे बेहतरीन तरीका मिलता है। ये एप या तो बेचे जाते हैं या फिर एप्पल के एप स्टोर या फिर एनड्रॉइड गूगल प्ले जैसे वर्चुअल मार्केट से मुफ्त में प्राप्त किए जा सकते हैं। लम्बे वक्त से स्थापित संस्थान जो क्रेताओं तक तुरंत पहुंचना चाहती हैं या फिर नवोदित कम्पनियां जो नए बाजार का एक हिस्सा हथियाना चाहती हैं, सभी को एप विकसित करने वालों की जरूरत होती है जिससे कि ग्राहकों से सीधे जुड़ने का एक इंटरफेस बना सकें जो उन्हें सफल बनाए।
हालांकि बहुत से एप बनाने वाले लोग कम्पनियों के कर्मचारियों के रूप में कार्य करते हैं, लेकिन कुछ उद्यमी होते हैं जो एप्पल जैसी हार्डवेयर बनाने वाली कम्पनियों के इस प्रयत्न का फायदा उठाते हैं कि प्रोग्राम डिजाइन का बल लोगों तक पहुंचे। नए किस्म के एप बनाने वालों को यह ओपन सॉर्स माडल प्रोत्साहित करता है। इसके लिए सरलता से उपयोग में आ सकने वाले साफ्टवेयर डिवैल्पमैंट किट का प्रयोग होता है। इसके अतिरिक्त अपने खुद के एप लिखने वालों के लिए सपोर्ट फोरम भी होते हैं इसलिए कोई बड़े विचार वाला व्यक्ति कम संसाधन होने के बावजूद अपने वक्त और प्रतिबद्धता के बल पर अकेले ही कार्य कर सफल एप विकसित कर सकता है।