कमर तक पानी और कंधे पर अर्थी, ऐसे निकलती है अंतिम यात्रा क्योंकि…

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नीमच. मध्य प्रदेश (madhya pradesh)के नीमच जिले (neemuch)में एक बार फिर ऐसी तस्वीरें सामने आयी हैे जिसे देखकर कोई भी एक बार ठिठक जाए. गांव वाले कमर से ऊपर तक पानी में डूबकर एक किसान की अर्थी लेकर श्मशान घाट पहुंचे, क्योंकि वहां तक जाने के लिए कोई पक्की सड़क या अच्छा रास्ता नहीं है. ये सिलसिला बरसों से ऐसे ही चल रहा है.

नीमच ज़िला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर स्थित गिरदौड़ा ग्राम पंचायत में पिपलिया हाड़ा गांव है. यहां 9 अक्टूम्बर को एक बुजु़र्ग व्यक्ति भगवान लाल भील की मौत हो गयी. उनका अंतिम संस्कार होना था. श्मशान घाट दूर था. वहां तक जाने के लिए सड़क नहीं है. रास्ता कच्चा है और बीच रास्ते में पानी भरा था. लेकिन अंत्येष्टि तो होना ही थी. इसलिए गांव वालों ने मिलकर अर्थी को कंधा दिया और फिर निकल पड़े अपने बुज़ुर्गवार की अंतिम यात्रा पर. रास्ते में कमर के ऊपर तक पानी भरा था. लोग उसी पानी में से होकर गुज़रे और श्मशान घाट पहुंचे.

बरसों से यही हाल

इस मामले में कांग्रेस नेता राजकुमार अहीर का कहना है यह पंचायत का जिम्मा है कि वहां की स्थिति ठीक करे. यह घटना शर्मनाक है. नीमच जिले में ऐसी घटना पहले भी घटती रही हैं. रतनगढ़ में एक शव को जलाने के लिए लकड़ी नहीं मिली तो उसे पानी में बहाया गया. एक बार लकड़ी नहीं मिली तो अर्थी घंटों श्मशान में पड़ी रही.

पंचायत कसूरवार

कलेक्टर अजय गंगवार का कहना है ये पंचायत की बड़ी लापरवाही है. मैं तत्काल जिला पंचायत सीईओ को निर्देश देता हूं कि वो श्मशान जाने वाले रास्ते को ठीक कराएं. वहां कोई स्टॉप डैम या पूल बनवाएं.