सेना या कश्मीरियों से नहीं भाजपा को सिर्फ चुनाव जीतने से मतलब : महबूबा मुफ्ती

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श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के बाद से यहां सियासी तनाव के हालात  बने हुए है और कई बड़े नेता अभी तक हिरासत में नजरबंद हैं। इसी बीच ब्‍लॉक विकास परिषदों के चुनावों का ऐलान भी कर दिया गया है। पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी के अध्यक्ष और नजरबंद नेता महबूबा मुफ्ती ने भारतीय जनता पार्टी को घेरा है और आरोप लगाया है कि पार्टी को न ही सेना के जवानों की चिंता है और न कश्मीरियों की, उसे सिर्फ चुनाव जीतने से मतलब है।
गौरतलब है कि राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही महबूबा को नजरबंद कर दिया गया था। ऐसे में उनका ट्विटर अकाउंट उनकी बेटी चला रही हैं। महबूबा के ट्विटर हैंडल से गुरुवार को सवाल किया गया कि अगर सब कुछ सामान्य है तो कश्मीर में 9 लाख (सेना की) टुकड़ियों की मौजूदगी की वजह क्या है। उन्होंने ट्वीट किया- 'वे यहां पाकिस्तान की ओर से आशंकित हमले की वजह से नहीं बल्कि विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए हैं। सेना की प्राथमिक जिम्मेदारी विरोध के स्वर को कुचलने की जगह सीमाओं को सुरक्षित रखने की है।'
उन्होंने आगे लिखा- 'भारतीय जनता पार्टी वोटों के लिए जवान कार्ड का इस्तेमाल करती है और उनके बलिदान को हाइजैक करती है लेकिन सच यह है कि अगर कश्मीरियों को जंग में इस्तेमाल किया जा रहा है तो सेना भी घाटी में तनाव रोकने का मोहरा बन गई है। सत्ताधारी पार्टी न जवानों की चिंता है और न कश्मीरियों की। उनका ध्यान सिर्फ चुनाव जीतने पर है।' गौरतलब है कि चुनाव आयोग की जारी अधिसूचना के अनुसार 24 अक्टूबर को चुनाव होंगे। अधिसूचना के मुताबिक, नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 9 अक्टूबर है, जबकि नामांकन पत्रों की जांच 10 अक्टूबर को की जाएगी। नामांकन वापस लेने की तारीख 11 अक्टूबर है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 24 अक्टूबर को सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक मतदान होगा। मतों की गिनती भी उसी दिन दोपहर 3 बजे से शुरू हो जाएगी।