PM मोदी ने दिल्ली के द्वारका में किया रावण दहन, देशवासियों को दिया ये 5 संदेश

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दशहरा (Dussehra 2019) पर दिल्ली के द्वारका सेक्टर 10 में होने वाले रामलीला कार्यक्रम में शिरकत की. यहां पीएम मोदी ने तीर छोड़कर रावण के पुतले का दहन किया. इस अवसर पर पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत जय श्रीराम से की. असत्‍य पर सत्‍य की विजय के पावन त्‍यौहार दशहरा (Dussehra 2019) के अवसर पर पीएम मोदी ने देशवासियों को कई सारे संदेश दिए. 

अपने अंदर के रावण को खत्म करें
बुराई पर अच्छाई की जीत के इस त्योहार पर पीएम मोदी ने देश की जनता से अपील की कि वे भी अपने अंदर के रावण को खत्म करें, तभी उत्सव को सही मायने में मनाया जा सकता है. उन्होंने महिलाओं के सम्मान की अपील की तो सिंगल यूज्ड प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह बैन के लिए सामूहिक योगदान का आह्वान किया.

उत्सव हमें जोड़ते हैं
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, शायद ही 365 दिन में कोई एक दिन हो जहां भारत में कोई उत्सव ना मनाया जाता हो. उत्सव हमें जोड़ते हैं और उमंग भरते हैं. ये हमारे रगों में धड़कता है. उन्होंने कहा कि, हजारों साल की सांस्कृतिक परम्परा के कारण हमारे देश ने उत्सवों को भी संस्कार का शिक्षा का और सामूहिक जीवन का एक निरंतर प्रशिक्षण करने का काम किया है. 

बेटियों का करें सम्मान
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, इस दिवाली पर हमें सामूहिक कार्यक्रम करके जिन बेटियों ने अपने जीवन में कुछ हासिल किया है, जो बेटियां दूसरों को प्रेरणा दे सकती हैं, उन बेटियों को सम्मानित करना चाहिए, इस दिवाली वही हमारा लक्ष्मी पूजन होना चाहिए.

वायुसेना के जन्मदिन पर पीएम मोदी ने बधाई 
पीएम मोदी ने कहा कि आज विजयादशमी का पर्व है और उसके साथ-साथ हमारी वायुसेना का जन्मदिन भी है. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश की वायुसेना जिस प्रकार से पराक्रम की नई-नई ऊंचाईयां प्राप्त कर रही है, आइए हम सब हमारी वायुसेना की जांबाज जवानों को याद करें और उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामना दें.

देश की भलाई के लिए हर आदमी करें संकल्प: पीएम मोदी 
पीएम मोदी ने महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि, हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती हम मना रहें है. इस अवसर पर तब सभी देशवासी संकल्प करें कि हम देश की भलाई के लिए एक संकल्प इस वर्ष में पूर्ण करके रहेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि अगर मैं पानी बचाता हूं तो संकल्प है, कभी खाना खाता हूं जूठा नहीं छोड़ूंगा वह भी संकल्प, बिजली बचाना संकल्प है.

देश की संपत्ति का नुकसान न हो वह भी संकल्प हो सकता है. उन्होंने राम सेतु के निर्माण के उदाहरण देते हुए सामूहिक शक्ति का महत्व दर्शाया और कहा कि हम भी इस शक्ति के माध्यम से अपने संकल्पों को पूरा करेंगे.