भोपाल। सुशासन, नारी सशक्तीकरण और न्यायप्रियता के लिए विख्यात देवी अहिल्या बाई होल्कर के शासन की याद दिलाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार शुक्रवार को महेश्वर पहुंच रही है। देवी अहिल्या बाई के जन्म के 300 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मोहन सरकार यहां कैबिनेट की बैठक आयोजित कर रही है।
अपने शासनकाल में देवी अहिल्या बाई होल्कर ने शिक्षा, समाज कल्याण, धर्म कल्याण, जल संरक्षण और संवर्धन जैसे जनहित से जुड़े विषयों पर विभिन्न कार्यों के माध्यम से उन्होंने जो आदर्श स्थापित किया था, मध्य प्रदेश सरकार भी उस मार्ग पर चलने का संदेश महेश्वर से देना चाहती है।
दमोह के सिंग्रामपुर में भी हुई थी कैबिनेट बैठक
इससे पहले रानी दुर्गावती की राजधानी रहे सिंग्रामपुर में पांच अक्टूबर 2024 को कैबिनेट की बैठक हुई थी। दमोह जिले के सिंग्रामपुर गांव के नजदीक सिंगौरगढ़ का किला है। यह क्षेत्र रानी दुर्गावती की राजधानी के रूप में इतिहास में दर्ज है।
महिला अधिकारों के लिए लंबा संघर्ष किया
वीरांगना दुर्गावती के 500वें जन्मशती वर्ष के अवसर पर उनके सम्मान में सिंग्रामपुर में कैबिनेट बैठक की थी। नारी सम्मान को स्थापित करने में देवी अहिल्या बाई का शासन याद किया जाता है। उन्होंने महिला अधिकारों के लिए लंबा संघर्ष भी किया और उसे अमल में लाया।
बालिका शिक्षा को बढ़ावा दिया
मध्य प्रदेश सरकार भी महिला सशक्तीकरण के लिए कई योजनाओं का संचालन कर रही है। महिला कल्याण के लिए लागू की गई लाड़ली लक्ष्मी योजना ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा दिया। देवी अहिल्या बाई के शासनकाल में कानून और व्यवस्था के प्रति विशेष ध्यान दिया गया था।
महेश्वर घाट पर मां नर्मदा का पूजन
देवी अहिल्याबाई की स्मृति में लगाएंगे पौधे महेश्वर में कैबिनेट की बैठक के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मंत्रीगण देवी अहिल्याबाई की स्मृति में पौधारोपण करेंगे। मुख्यमंत्री महेश्वर घाट पर मां नर्मदा की पूजा-अर्चना करेंगे।
बुनक से संवाद
देवी अहिल्या बाई की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। महेश्वर में मां नर्मदा के घाटों के साथ ही नगर में भी साज-सज्जा होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव, महेश्वरी साड़ी तैयार करने वाली महिला बुनकरों से संवाद करेंगे। मंत्रिपरिषद के सदस्य देवी अहिल्या बाई के महल का अवलोकन भी करेंगे।