दो साल पहले जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने भोपाल के भेल दशहरा मैदान पर रामकथा के दौरान कहा था कि जब तक भोपाल का नाम भोजपाल नहीं हो जाता, मैं यहां अगली कथा करने नहीं आउंगा।रामभद्राचार्य महाराज द्वारा कही गई बात इस बार फिर सीएम की मौजूदगी में दोहराई गई।
सीएम से कहा-भोपाल का नाम भोजपाल हो भोजपाल मेला का उद्घाटन करने पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के सामने मेला समिति के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा-
जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज जी यहीं मंच पर रामकथा कहते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री के समक्ष एक मांग रखते हुए ये संकल्प लिया था कि जब तक भोपाल का नाम भोजपाल नहीं होगा। भोपाल की धरा पर दूसरी कथा नहीं करूंगा। हमारी समिति और सनातन धर्मियों की इच्छा है कि भोपाल का नाम भोजपाल हो।
सुनील यादव ने सीएम से कहा- भोपाल मेला उत्सव समिति के लोग पिछले 9 सालों से इस भोजपाल मेले का आयोजन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि, सनातन संस्कृति के महान राजा, मां सरस्वती के वरद पुत्र राजा भोज के नाम से पहचाने जाने वाले शहर का नाम मुगल शासकों द्वारा सनातन संस्कृति को नष्ट करने की मंशा से भोपाल कर दिया गया।
ग्वालियर की तरह भोजपाल मेले में भी छूट मिले मेला समिति के अध्यक्ष सुनील यादव ने सीएम से कहा- हमारी पहली मांग है कि भोपाल का नाम भोजपाल हो और दूसरी मांग है कि ग्वालियर मेले की तरह इस भोजपाल मेले में भी वाहन खरीदने वालों को रजिस्ट्रेशन में टैक्स की छूट दी जाए।
सीएम ने कहा- सनातन के लिए किसी से कंप्रोमाइज नहीं करेंगे सीएम ने कहा- हमारे राजा भोज के नाम पर स्थापित इस मेले में आकर मुझे बेहद प्रसन्नता हुई। सीएम ने भजन गायिका शहनाज अख्तर को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि, भगवान राम कृष्ण और सभी 33 करोड़ देवी देवताओं के सम्मान में हमारी जिंदगी जाती है। सनातन धर्म के लिए हम किसी की निंदा और अपमान नहीं करते लेकिन, अपने सनातन धर्म के लिए किसी से कंप्रोमाइज नहीं करेंगे। आप आपकी जय करो हमारी तो विजय होने ही वाली है।
मेला संस्कृति लोगों को आपस में जोड़ती है सीएम ने कहा- भगवान राम अयोध्या में मुस्करा रहे हैं तो हमारा कलेजा 56 इंच से बाहर निकल कर आ रहा है। भगवान राम के बाद अब जमुना जी के कृष्ण कन्हैया बुलवा रहे हैं। मेला संस्कृति हमें अतीत से जोड़ती है। जिसके जरिए मेल मिलाप होता है अनजान व्यक्ति अपना अपना टिकट लेकर एक साथ झूलते हैं। इस मेले के लिए हमारे देवी देवता भी तरसते हैं।
सीएम बोले- राजा भोज की कहावत गलत बोली जाती है सीएम ने कहा राजा भोज के जीवन को याद करें जिनकी बौद्धिक क्षमता हर क्षेत्र में अद्वितीय थी। हर जगह राजा भोज दिखाई देते हैं। ऐसे व्यक्तित्व के धनी जिनके जीवन में उन्होंने दो-दो युद्ध लडे़। एक गांगेय से था और दूसरा और तैलंग से। गलत कहावत चलती है राजा भोज की। उनकी सही कहावत है कहां राजा भोज, कहां गांगे-तैलभ। ये गलती मत करना जो आपने बोली है। एक साथ इतनी बड़ी सत्ता को हराने का सामर्थ्य राजा भोज में हैं। वे अपने कवियों को कविता के एक-एक शब्द के लिए सोने की ईंट दान में देते थे। वे इतने विशाल ह्रदय के व्यक्ति थे।
भजन गायिका बोलीं- रायसेन किले का शिवमंदिर खुलवा दीजिए मेले में आईं भजन गायिका शहनाज अख्तर ने सीएम से कहा हम सब भक्तों की एक कामना है कि हम शिव भक्तों को कैलाश पर्वत के दर्शन सुलभ करा दीजिए। आप सरकार के पास हमारी बात रखें।
शहनाज ने कहा- रायसेन जिले के किले में बंद पडे़ शिवमंदिर की आवाज सबने उठाई लेकिन आवाज दबा दी गई। उस मंदिर को शिवभक्तों की मांग पर खुलवा दीजिए।