PM मोदी को जान से मारने की धमकी:मुंबई पुलिस के कंट्रोल रूम में फोन आया, अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज, जांच जारी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जान से मारने की धमकी दी गई है। मुंबई पुलिस के कंट्रोल रूम में किसी अज्ञात शख्स ने फोन कर प्रधानमंत्री को जान से मारने की धमकी दी है। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

मोदी को 6 साल में तीन धमकियां मिलीं

2023: हरियाणा के एक शख्स ने वीडियो वायरल करते हुए मोदी को गोली मारने की धमकी दी थी। वीडियो में युवक ने खुद को हरियाणा का बदमाश और गांव मोहाना, सोनीपत का रहने वाला बताया था। वीडियो में उसने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी मेरे सामने आ जाएं तो मैं गोली मार दूंगा।

2022: PM मोदी को जेवियर नाम के एक शख्स ने धमकी दी थी। जेवियर ने केरल भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन को भेजे खत में जान से मारने की धमकी देते हुए लिखा था- मोदी का हाल राजीव गांधी जैसा होगा। उस वक्त PM केरल दौरे पर जा रहे थे। बाद में पुलिस ने धमकी देने वाले को अरेस्ट कर लिया था।

2018: महाराष्ट्र के मोहम्मद अलाउद्दीन खान नाम के शख्स ने फेसबुक पेज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो जान से मारने की धमकी दी थी। उसने खुद को आतंकी संगठन जैश-ए -मोहम्मद का सदस्य बताते हुए देश के पांच प्रमुख शहरों में विस्फोट करने की बात कही थी। शख्स ने प्रतिबंधित संगठन ISIS के झंडे की फोटो भी डाली थी।

SPG के कंधों पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा

देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्‍मेदारी स्‍पेशल प्रोटेक्‍शन ग्रुप यानी SPG की होती है। प्रधानमंत्री के चारों ओर पहला सुरक्षा घेरा SPG जवानों का ही होता है। PM की सुरक्षा में लगे इन जवानों को अमेरिका की सीक्रेट सर्विस की गाइडलाइंस के मुताबिक ट्रेनिंग दी जाती है। इनके पास MNF-2000 असॉल्ट राइफल, ऑटोमेटिक गन और 17 एम रिवॉल्वर जैसे मॉडर्न हथियार होते हैं।

प्रधानमंत्री के दौरे का प्रोटोकॉल क्या होता है

किसी राज्य में PM के दौरे के समय 4 एजेंसियां सुरक्षा व्यवस्था देखती हैं- SPG, ASL, राज्य पुलिस और स्थानीय प्रशासन। एडवांस सिक्योरिटी संपर्क टीम (ASL) प्रधानमंत्री के दौरे से जुड़ी हर जानकारी से अपडेट होती है। ASL टीम केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी के संपर्क में होती है। केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारी ASL की मदद प्रधानमंत्री के दौरे की निगरानी रखते हैं। स्थानीय पुलिस PM के दौरे के समय रूट से लेकर कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा संबंधी नियम तय करती है। आखिरकार पुलिस के निर्णय की निगरानी SPG अधिकारी ही करते हैं। केंद्रीय एजेंसी ASL प्रधानमंत्री के कार्यक्रम स्थल और रूट की सुरक्षा जांच करता है। इसके साथ ही SPG PM के करीब आने वाले लोगों की तलाशी और प्रधानमंत्री के आसपास की सुरक्षा को देखता है। स्थानीय प्रशासन पुलिस के साथ मिलकर काम करते हैं।

प्रधानमंत्री की हवाई यात्रा के दौरान क्या प्रोटोकॉल होता है

प्रधानमंत्री किसी कार्यक्रम में हेलिकॉप्टर के जरिए जा रहे हैं तो किसी खास परिस्थिति के लिए कम से कम एक वैकल्पिक सड़क मार्ग तैयार रखने का नियम होता है। इस रास्ते पर सुरक्षा व्यवस्था की जांच सीनियर पुलिस अधिकारी PM के दौरे से पहले करते हैं। इस रास्ते पर सुरक्षा जांच रिहर्सल के समय SPG, स्थानीय पुलिस, खुफिया ब्यूरो और ASL टीम के अधिकारी सभी शामिल होते हैं। एक जैमर वाली गाड़ी भी काफिले के साथ चलती है। ये सड़क के दोनों ओर 100 मीटर दूरी तक किसी भी रेडियो कंट्रोल या रिमोट कंट्रोल डिवाइस के को जाम कर देते हैं, इससे रिमोट से चलने वाले बम या IED में विस्फोट नहीं होने देता।