अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक बयान से कनाडा, मेक्सिको और चीन की करेंसी में गिरावट दर्ज की गई है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक मेक्सिको की करेंसी पेसो डॉलर के मुकाबले एक दिन में 1.18% कमजोर हुई। वहीं, कनाडा की करेंसी कनाडाई डॉलर, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 1% कमजोर हुई है। ये कनाडा की करेंसी में मई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है।
वहीं, चीन की करेंसी युआन में भी गिरावट आई है। हलांकि, यह मेक्सिको और तुलना में कम है। चीनी करेंसी युआन डॉलर के मुकाबले 0.3% कमजोर हुई है।
दरअसल, ट्रम्प ने ऐलान किया है कि वे राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही कनाडा, मैक्सिको और चीन से अमेरिका आने वाले सामान पर भारी टैरिफ लगाएंगे। ट्रम्प ने कहा है कि जब तक ये तीनों देश ड्रग्स और अवैध प्रवासियों पर लगाम नहीं लगाते तब तक उन्हें अमेरिका की तरफ से लगाए गए भारी टैरिफ की मार झेलनी पड़ेगी।
सबसे ज्यादा चीन पर लगेगा ट्रैरिफ
ट्रम्प ने सोमवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा कि वे कनाडा और मेक्सिको पर 25% टैरिफ लगाएंगे। उन्होंने कहा कि कनाडा और मेक्सिको दोनों चाहें तो अवैध प्रवासियों और ड्रग्स (फेंटेनाइल) सप्लाई पर आसानी से लगाम लगा सकते हैं, पर वे ऐसा नहीं कर रहे हैं। इसके चलते उन्हें भारी कीमत चुकानी होगी।
वहीं, ट्रम्प ने चीन पर 35% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। ये मैक्सिको और कनाडा पर लगाए जाने वाले टैरिस 10% ज्यादा है। ट्रम्प ने कहा-
चीन, अमेरिका में अवैध रूप में भारी मात्रा में ड्रग्स भेजता है। मैंने चीन के सामने पहले भी यह मुद्दा उठाया था। तब चीनी अधिकारियों ने वादा किया था कि वे ड्रग डीलर्स को पकड़े जाने पर मौत की सजा का कानून बनाएंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
ट्रम्प के टैरिफ वॉर से बढ़ेगी महंगाई गौरतलब है कि अमेरिका का कनाडा, मेक्सिको और चीन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट है। इसके तहत इन देशों के बीच होने वाले किसी भी तरह के आयात-निर्यात पर टैरिफ (शुल्क) नहीं लगता है। ट्रम्प ने अपने पिछले कार्यकाल में मेक्सिको और कनाडा के साथ नॉर्थ अमेरिका फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (NAFTA) किया था।
ट्रम्प अगर सत्ता में आने के बाद इन देशों पर टैरिफ लगाते हैं तो ये समझौते का उल्लंघन होगा।
इन तीनों देशों ने 2023 में अमेरिका से 1 ट्रिलियन डॉलर (करीब 85 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा का सामान खरीदा था। वहीं, 1.5 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की बेची थीं। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प के टैरिफ वॉर का सबसे ज्यादा असर ऑटो सेक्टर, कृषि, टेक्नोलॉजी, पार्ट्स-पुर्जे पर होगा। टैरिफ लगने के बाद इन चीजों की कीमत में इजाफा हो जाएगा।
चीन बोला- ट्रेड वॉर में किसी की जीत नहीं होगी
वॉशिंगटन स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता लिउ पेंग्यू ने कहा कि पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत हुई थी। इसमें ड्रग्स तस्करी से निपटने को लेकर कदम उठाए गए थे। लेकिन ये कहना कि चीन जानबूझकर फेंटानाइल जैसे ड्रग्स की अमेरिका में सप्लाई कर रहा है, सही नहीं है। लिउ ने कहा कि चीन-अमेरिका ट्रेड दोनों देशों के लिए फायदेमंद है। इसमें छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। ट्रेड वॉर में कोई भी जीत नहीं पाएगा।
कनाडा बोला- ट्रम्प से इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के ऑफिस ने बयान जारी कर कहा है कि अमेरिका में ऊर्जा आपूर्ति के लिए कनाडा जरूरी है। पिछले साल अमेरिका ने जितना तेल इस्तेमाल किया था, उसका 60% कनाडा से आया था। वे ट्रम्प टीम से इन मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
मैक्सिकन अधिकारियों ने ट्रम्प के पोस्ट पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि मेक्सिको के खिलाफ टैरिफ लगाने की धमकी ट्रम्प पहले भी दे चुके हैं। उन्होंने चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में मेक्सिको से आने वाले सभी सामानों पर 100% तक टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। तब मेक्सिकन अधिकारियों ने कहा था वे भी टैरिफ लगाने के लिए तैयार हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प के टैरिफ वॉर का सबसे ज्यादा नुकसान मेक्सिको को हो सकता है। यह देश अमेरिका पर बहुत ज्यादा निर्भर है। वह लगभग 80% सामान अमेरिका को बेचता है।