पार्टी से गद्दारी करने वालों की नहीं होगी घर वापसी, गांव-मोहल्ले तक संगठन के विस्तार पर जोर

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भोपाल। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के समय पार्टी के साथ गद्दारी करके भाजपा में जाने वाले नेताओं की कांग्रेस में घर वापसी नहीं होगी। प्रदेश कांग्रेस की राजनीतिक मामलों की समिति की गुरुवार को हुई बैठक में इस पर सहमति बनी। साथ ही तय किया गया कि गांव, वार्ड और मोहल्ला स्तर पर समिति का गठन कर विस्तार किया जाएगा। जिला और ब्लॉक इकाइयों का पुनर्गठन राजनीतिक और जातिगत समीकरणों को देखकर किया जाएगा। अगले वर्ष प्रांतीय अधिवेशन होगा, जो भोपाल के स्थान पर उज्जैन, चित्रकूट या अन्य किसी स्थान पर किया जाएगा।

नहीं पहुंचे अनेक नेता

इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री अरुण यादव, अजय सिंह, पूर्व सांसद नकुल नाथ सहित 11 सदस्य नहीं पहुंचे। पार्टी ने सफाई दी कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण कुछ सदस्य नहीं आ पाए। कांग्रेस मुख्यालय में गुरुवार को कार्यसमिति और राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्यों की बैठक हुई।

संगठन के विस्तार पर चर्चा

वरिष्ठ नेताओं की गैरमौजूदगी में हुई बैठक में संगठन का विस्तार करने के साथ जनता से सीधे जुड़ने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाने पर चर्चा हुई। इस दौरान वरिष्ठ नेता एनपी प्रजापति ने कहा कि पार्टी से गद्दारी करने वालों की वापसी नहीं होनी चाहिए। संगठन का विस्तार गांव, वार्ड, मोहल्ले तक करने के लिए समिति बनाने, कांग्रेस प्रतिनिधियों का प्रांतीय अधिवेशन अगले वर्ष 20 फरवरी से 20 मार्च के बीच करने और पदाधिकारियों को दायित्व देने पर विचार किया गया।

सड़क पर उतरेगी पार्टी

राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कहा कि ब्लॉक संगठन को मजबूत करने की आवश्यकता है। जनहित के मुद्दों को लेकर पार्टी सड़क पर उतरे। कांग्रेस का लेटर हैड लेकर भाजपा का काम करने वालों को चिह्नित किया जाए। पूर्व मंत्री कांतिलाल भूरिया ने संगठन में रिक्त पदों का विषय उठाया। शुक्रवार को प्रदेश उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव और सह सचिवों की बैठक हो रही है, जिसमें आगामी कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया जाएगा।

विधायकों को नहीं बनाया जाना चाहिए अध्यक्ष

बैठक में पार्टी के प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह ने पूछा कि विधायकों को जिला अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए या नहीं। इस पर सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि ऐसा नही किया जाना चाहिए। इससे वे न तो अध्यक्ष पद के साथ न्याय कर पाएंगे और न ही क्षेत्र में समय दे पाएंगे।

त्यागपत्र केवल वाट्सएप पर, बैठक में सब आएंगे

राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में कार्यकारिणी के गठन के बाद त्यागपत्र देने वालों का विषय उठा। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बताया कि सभी त्यागपत्र वाट्सएप पर दिखाई दिए। किसी ने भी संगठन को नहीं दिया। सभी से चर्चा हुई है और वे बैठक में उपस्थित भी रहेंगे।

वाल्मिकी समाज की उपेक्षा का जिक्र

पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने प्रदेश कार्यसमिति में वाल्मिकी समाज को स्थान नहीं दिए जाने पर आपत्ति उठाई। उन्होंने कहा कि हमें सभी को साथ लेकर चलने की आवश्यकता है। वहीं, डा. विजयलक्ष्मी साधौ ने दलित, आदिवासी और ओबीसी वर्ग पर फोकस करने की बात उठाते हुए कहा कि वो तो यहां बसपा, सपा जैसे तीसरे दल नहीं हैं, वर्ना उत्तर प्रदेश और बिहार जैसी स्थिति होती।

पटवारी के साथ हम सब खड़े हैं

राजनीतिक मामलों की समिति और कार्यसमिति के विशेष व स्थायी आमंत्रित सदस्यों की बैठक में प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह ने कहा कि नई टीम अब तैयार हो गई है। सब एक साथ एक दिशा में आगे बढ़ें। हमारे नेताओं में कोई मतभेद नहीं है। हम सब प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के साथ खड़े हैं। मैं प्रदेश कांग्रेस चला नहीं सकता हूं बल्कि गाइड कर सकता हूं।

भावुक हो गए पटवारी

बैठक में जीतू पटवारी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि जब से पद की जिम्मेदारी संभाली है, एक दिन भी घर नहीं बैठा। सबसे मार्गदर्शन लिया और सामंजस्य बनाने का प्रयास किया है। सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कठिन समय में जीतू पटवारी अध्यक्ष बने हैं। बैठक में सबसे मदद मांगी है। वरिष्ठ नेताओं के बैठक में शामिल न होने पर कहा कि हम सब एक हैं। कांग्रेस में कोई दो-फाड़ नहीं है।