कवर्धा । उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा 18 अक्टूबर को कवर्धा के पीजी कालेज मैदान में आयोजित स्वदेशी मेला के दूसरे दिन शामिल हुए। उपमुख्यमंत्री ने भारत माता की तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित एवं दिप प्रज्ववलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभांरभ किया और मेला का अवलोकन किया। कबीरधाम जिले के महिला स्व-सहायता समूह की दीदियों और अन्य प्रांतो से आए स्वदेशी विक्रेता ने उपमुख्यमंत्री शर्मा का स्वागत और अभिनंदन किया।
उपमुख्यमंत्री शर्मा मेले के अवलोकन के दौरान स्वदेशी मेला के भव्यता देखकर बहुत अभिभूत हुए। उन्होंने दूसरे राज्यो से आएं स्वदेशी विक्रेता का कवर्धा की इस धरती पर स्वागत और अभिनंदन किया। स्वदेशी मेला के दूसरे दिन अंचल शर्मा और उनकी म्यूजिकल ग्रुप के कार्यक्रम की प्रस्तुति से दर्शक झूम उठे।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का यह एक शानदार अवसर है। हमें अपने देश के उत्पादों पर गर्व करना चाहिए और उन्हें अपनाना चाहिए। उपमुख्यमंत्री शर्मा ने यह भी कहा कि ऐसे मेलों का आयोजन हमारे सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखने और स्थानीय उद्यमियों के विकास में समर्थन देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने कहा कि आज स्वदेशी का संकल्प है हमे इस दिशा में आगे बढ़ाना चाहिए, लेकिन ग्लोबल मार्केट में हमारा प्रोडक्ट होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने मेक इन इंडिया और मेड इन इंडिया दोनों कॉन्सेप्ट से देश में कार्य प्रारंभ किया है। उन्होंने कहा है कि हमारे देश में नवाचार और स्टार्टअप बढ़ना चाहिए। स्टार्ट बढ़ाने के लिए हमारे छत्तीसगढ़ के मुखिया विष्णुदेव के मार्गदर्शन में कार्य कर रही है। उन्होंने बताया आई हब छत्तीसगढ़ संस्था का प्रारंभ किया जा रहा है। आई हब गुजरात की तरह है। उन्होंने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यदि किसी युवा या व्यक्ति के पास टेक्नोलॉजी में नवाचार करने का आइडिया है लेकिन उसके पास संसाधन नहीं है तो उन्हें साधन और संसाधन उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे छत्तीसगढ़ के कोने–कोने से नवाचार उभर कर सामने आए और एक नई दिशा मिले। उन्होंने बताया कि इसके लिए गुजरात से ओएमयू किया गया है। छत्तीसगढ़ में आई हब का प्रारंभ नवंबर से रायपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रारंभ किया जाएगा। ये स्टार्टअप स्वदेशी होगा। जिसे हमें आगे आने वाले सालों में आई हब छत्तीसगढ़ में बनने वाला नवाचार को स्वदेशी मेला में देखने मिलेगा।
उप मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि स्वदेशी मेला मतलब हमारे देश का बना हुआ सामग्री से है। एक तरफ इसका आर्थिक पक्ष है जो मजबूत करता है और दूसरा पक्ष भाव का है जो स्वाभिमान को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि सन 1991 का समय याद होगा जब भारत सुपर कम्प्यूटर के लिए भटकता था। रूस और अमेरिका जैसे देश ने सुपर कम्प्यूटर देने ने भी मना कर दिया था, लेकिन उसके बाद हमारे देश की कंपनी सी डेक ने योजना करके दुनिया का बेहतर कंप्यूटर परम बनाया। अब अमेरिका और फ्रांस जैसे देश भारत से सुपर कंप्यूटर खरीदते है। भारत आज समर्थ देश है। विदेशी की बड़ी बड़ी कंपनियों के सीईओ मैनेजिंग डायरेक्टर आज भारत के लोग है। भारत सोने की चिड़िया हुआ करता था क्यों कि भारत में ही सोना, रेशम, मसाले, रत्न जैसे सभी चीजें यहां मिलता था। भारत में अनुसंधान बहुत ही आगे था। नालंदा, तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय यहां रहा है। उन्होंने कहा कि स्वदेश का कोई उत्पाद होता है तो पैसा भारत में ही रहता है और इससे देश आत्म निर्भर होता है। आज देश इतना आगे बढ़ा है जिसमें हम ब्रह्मोस नाम की मिसाइल विदेशों को एक्सपोर्ट कर रहे है। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों से अपील की कि वे स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें और अपने आसपास के समुदायों को भी इस दिशा में प्रेरित करें।