प्रदेश में आम जन की शिकायतें सुनने और उसके त्वरित निराकरण के लिए बनाई गई सीएम हेल्पलाइन में कम्प्लेंट का आंकड़ा बढ़ने लगा है। अब तक 7.31 लाख से अधिक शिकायतें हेल्पलाइन में पेडिंग हैं। जिसमें से 3.39 लाख कम्प्लेंट सरकार द्वारा तय की गई सौ दिन की टाइम लिमिट पार कर चुकी हैं। इन हालातों को देखते हुए अब मुख्यमंत्री मोहन यादव 28 अक्टूबर को कलेक्टरों के साथ समाधान ऑनलाइन के दौरान सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा करने वाले हैं।
लोक सेवा प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह ने सीएम हेल्पलाइन की कम्प्लेंट के निराकरण में हो रही देरी पर सभी विभाग प्रमुखों व कलेक्टरों को पत्र लिखकर इसमें तेजी लाने के लिए कहा है। प्रमुख सचिव ने खास तौर पर सौ दिन की टाइम लिमिट में शिकायतों के निराकरण पर फोकस किया है। दरअसल शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में शुरू हुए समाधान आन लाइन कार्यक्रम में सीएम हेल्पलाइन में पेडिंग प्रकरणों की समीक्षा की जाती रही है। मोहन सरकार बनने के बाद सीएम यादव ने इस ऑनलाइन बैठक पर ज्यादा फोकस नहीं किया लेकिन उन्होंने औचक निरीक्षण कर सीएम हेल्पलाइन काल सेंटर पहुंचकर शिकायतकर्ताओं से बातचीत जरूर की। अब शिकायतों के निराकरण में हो रही देरी पर सीएम कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और अन्य अधिकारियों के काम में कसावट लाने के लिए ऑनलाइन रिव्यू करने वाले हैं।
सौ दिन की समय सीमा पर होता है सरकार का फोकस
सीएम हेल्पलाइन में होने वाली शिकायतों की मॉनिटरिंग सीएमओ खुद करता है। इसी के चलते लोक सेवा प्रबंधन विभाग पिछले पांच सालों से मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के पास ही रहता आया है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में सीएम के प्रमुख सचिव रहे मनीष रस्तोगी इस विभाग का काम देखते थे। मोहन सरकार बनने के बाद सीएम के प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह इस विभाग का काम देख रहे हैं। इसलिए अब जबकि शिकायतों के निपटारे में देरी हो रही है, तो मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाकर बैठक कराए जाने की तैयारी है।