मध्यप्रदेश में दशहरे के मौके पर शनिवार को भोपाल में नेहरू नगर स्थित पुलिस लाइन में डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, सांसद आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, मेयर मालती राय और पुलिस कमिश्नर हरि नारायणचारी मिश्रा ने शस्त्र पूजन किया।
आज मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री अलग-अलग जगहों पर शस्त्र पूजन करेंगे। सीएम डॉ. मोहन यादव और मंत्री तुलसी सिलावट इंदौर में रहेंगे। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय धार जाएंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री के निर्देश थे कि सभी मंत्री प्रभार के जिले में शस्त्र पूजन करेंगे लेकिन अब सिर्फ सीएम और 6 मंत्री ही प्रभार के जिलों में शस्त्र पूजन करने पहुंच रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सबसे पहले खरगोन जिले के महेश्वर में बूढ़ी जीन परिसर में शस्त्र पूजन करेंगे। इसके बाद सीधे राजवाड़ा परिसर स्थित अहिल्या बाई होल्कर की राजगद्दी पर माल्यार्पण करेंगे। फिर जनसभा को संबोधित करेंगे। वे खरगोन में 83 करोड़ 29 लाख रुपए की लागत से 43 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन भी करेंगे। वे यहां मां रेवा गोशाला में गौ पूजन कर जिले की सभी पंजीकृत गोशालाओं पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन भी करेंगे।
सांसद, विधायक और जन प्रतिनिधि भी करेंगे शस्त्र पूजन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शुक्रवार को कहा- इस दशहरा पर्व पर भारत की प्राचीन शस्त्र पूजन परंपरा में सांसद, विधायक और जन प्रतिनिधि अपने क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होंगे। हर जिले में पुलिस शस्त्रागार, कोतवाली और थानों में होने वाला शस्त्र पूजन एक विभाग तक सीमित न होकर जनता का पर्व बनेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वे स्वयं देवी अहिल्याबाई की राजधानी रही महेश्वर और उनकी छावनी रही इंदौर में शस्त्र पूजा करेंगे।
कैबिनेट बैठक से पहले लिया था फैसला
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 24 सितंबर को कैबिनेट बैठक के पहले मंत्रियों से कहा था कि इस वर्ष दशहरा पर्व शस्त्र पूजन के साथ मनाया जाएगा। सभी मंत्री अपने प्रभार के जिलों के पुलिस शस्त्रागार में शस्त्र पूजन करेंगे।
बाद में मीडिया से चर्चा में यादव ने कहा था कि शस्त्र पूजन में मंत्रियों के अलावा विधायकों को भी विधानसभा क्षेत्र में मौजूद रहकर शामिल होना है।
प्रभार के जिले में नहीं जाने की यह वजह
दशहरे पर मंत्रियों के प्रभार के जिलों में नहीं जाने के पीछे मुख्य वजह घर पर होने वाली दुर्गा पूजा और शस्त्र पूजा बताई जा रही है। नवरात्रि के चलते मंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र और गृह नगर में ज्यादा सक्रिय रहे हैं। बताया जाता है कि इसी कारण सीएम के प्रभार के जिलों में प्रवास और शस्त्र पूजन के निर्देश को अनदेखा किया गया है।