3 सितंबर से मध्यप्रदेश में भाजपा का सदस्यता अभियान चल रहा है। इस अभियान में एमपी को दो करोड़ नए सदस्य बनाने हैं। इस सदस्यता अभियान में बूथ अध्यक्ष से लेकर मंत्री, विधायक, सांसद से लेकर सभी पदाधिकारियों को नए सदस्य बनाने का टारगेट दिया गया है।
पॉलिटिक्स ऑफ परफॉरमेंस के फॉर्मुले पर अब बीजेपी काम करने वालों को सरकार और संगठन में मौका देगी। अब बूथ अध्यक्ष, मंडल पदाधिकारी और मंडल अध्यक्ष बनने के लिए कम से कम सौ नए सदस्य बनाने जरूरी होंगे। सदस्यता अभियान के डेटा की डेली निगरानी भोपाल और दिल्ली से हो रही है।
साल के अंत तक टली निगम मंडलों में नियुक्तियां
बीजेपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि लंबे समय से खाली पडे़ आयोग, निगम-मंडलों में नियुक्तियों की कवायद शुरू हो गई थी। लेकिन, सदस्यता अभियान शुरू होने के बाद इसे टाल दिया गया है। अब सदस्यता अभियान में जो जैसा काम करेगा, उसे वैसी जिम्मेदारी मिलेगी।
संघ की पृष्ठभूमि के अपवादों को छोड़ दिया जाए, तो अब सरकार और संगठन में होने वाली नियुक्तियों में सदस्यता अभियान का काम बड़ा आधार बनेगा। संगठन चुनाव के बाद ही मध्यप्रदेश के निगम-मंडलों में नियुक्तियां की जाएंगी।
विधानसभा अध्यक्ष का क्षेत्र सदस्यता में पीछे
सदस्यता अभियान में कई नेताओं के विधानसभा क्षेत्र बहुत पीछे हैं। कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंषाना के क्षेत्र सुमावली, नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला के विधानसभा क्षेत्र मेहगांव और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के क्षेत्र में सदस्यता अभियान की हालत खराब है।
डिप्टी सीएम देवड़ा की विधानसभा सबसे आगे
बीजेपी द्वारा जिलों को जारी की गई विधानसभाओं की लिस्ट में डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा के विधानसभा क्षेत्र मल्हारगढ़ में सबसे अच्छी सदस्यता हुई है। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के विधानसभा क्षेत्र इंदौर क्रमांक 1 और विधायक रमेश मेंदोला की सीट इंदौर क्रमांक 2 में भी अच्छी सदस्यता हुई है।